नई पुस्तकें
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रवि कहानीअमिताभ चौधरी
रवीन्द्रनाथ टैगोर की जीवनी आगे... |
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रश्मिरथीरामधारी सिंह दिनकर
रश्मिरथी का अर्थ होता है वह व्यक्ति, जिसका रथ रश्मि अर्थात सूर्य की किरणों का हो। इस काव्य में रश्मिरथी नाम कर्ण का है क्योंकि उसका चरित्र सूर्य के समान प्रकाशमान है आगे... |
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प्रेमी का उपहाररबीन्द्रनाथ टैगोर
रवीन्द्रनाथ ठाकुर के गद्य-गीतों के संग्रह ‘लवर्स गिफ्ट’ का सरस हिन्दी भावानुवाद आगे... |
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पंचतंत्रविष्णु शर्मा
भारतीय साहित्य की नीति और लोक कथाओं का विश्व में एक विशिष्ट स्थान है। इन लोकनीति कथाओं के स्रोत हैं, संस्कृत साहित्य की अमर कृतियां - पंचतंत्र एवं हितोपदेश। आगे... |
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मूछोंवालीमधुकांत
‘मूंछोंवाली’ में वर्तमान से तीन दशक पूर्व तथा दो दशक बाद के 50 वर्ष के कालखण्ड में महिलाओं में होने वाले परिवर्तन को प्रतिबिंबित करती हैं ये लघुकथाएं। आगे... |
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मीडिया हूं मैंजयप्रकाश त्रिपाठी
कुछ तो होगा, कुछ तो होगा, अगर मैं बोलूंगा, न टूटे, न टूटे तिलिस्म सत्ता का, मेरे अंदर का एक कायर टूटेगा। आगे... |
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मनःस्थिति बदलें तो परिस्थिति बदलेश्रीराम शर्मा आचार्य
समय सदा एक जैसा नहीं रहता। वह बदलता एवं आगे बढ़ता जाता है, तो उसके अनुसार नए नियम-निर्धारण भी करने पड़ते हैं। आगे... |
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कामना और वासना की मर्यादाश्रीराम शर्मा आचार्य
कामना एवं वासना को साधारणतया बुरे अर्थों में लिया जाता है और इन्हें त्याज्य माना जाता है। किंतु यह ध्यान रखने योग्य बात है कि इनका विकृत रूप ही त्याज्य है। आगे... |
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हारिए न हिम्मतश्रीराम शर्मा आचार्य
प्रस्तुत पुस्तक में आचार्य श्रीराम शर्मा जी ने लोगों को जीवन की कठिन परिस्थितियों में किस प्रकार के आचार-विचार की आवश्यकता है, इसे एक माह की डायरी के रूप में बताया है। आगे... |
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अपराजेय निरालाआशीष पाण्डेय
निराला साहित्य के नव क्षितिज आगे... |
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विजय, विवेक और विभूतिश्रीरामकिंकर जी महाराज
विजय, विवेक और विभूति का तात्विक विवेचन आगे... |
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विद्युत उत्पन्न करने वाले जीवपरशुराम शुक्ल
विद्युत उत्पन्न करने विभिन्न प्रकार के जीवों का वर्णन आगे... |
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सुग्रीव और विभीषणरामकिंकर जी महाराज
सुग्रीव और विभीषण के चरित्रों का तात्विक विवेचन आगे... |
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सत्य के प्रयोगमहात्मा गाँधी
महात्मा गाँधी की आत्मकथा आगे... |
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सरीसृप नागराजपरशुराम शुक्ल
साँपो के बारे में जानकारी देने वाली पुस्तक आगे... |
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प्रेममूर्ति भरतरामकिंकर जी महाराज
भरत जी के प्रेम का तात्विक विवेचन आगे... |
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प्रसादरामकिंकर जी महाराज
प्रसाद का तात्विक विवेचन आगे... |
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प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीवपरशुराम शुक्ल
प्रकाश उत्पन्न करने वाले विभिन्न जीवों का वर्णन आगे... |
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परशुराम संवादरामकिंकर जी महाराज
रामचरितमानस के लक्ष्मण-परशुराम संवाद का वर्णन आगे... |
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नीलकंठ : रंग-बिरंगा सुन्दर पक्षीपरशुराम शुक्ल
नीलकंठ : रंग-बिरंगा सुन्दर पक्षी आगे... |
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मिस्ट्री आफ खजुराहोसुरेन्द्र कुमार सोनी
खजुराहो के मंदिरों के रहस्य आगे... |
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मानस और भागवत में पक्षीरामकिंकर जी महाराज
रामचरितमानस और भागवत में पक्षियों के प्रसंग आगे... |
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माँ गाँव में हैदिविक रमेश
दिविक रमेश की चुनी हुई कविताएँ आगे... |
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लोभ, दान व दयारामकिंकर जी महाराज
मानसिक गुण - कृपा पर महाराज जी के प्रवचन आगे... |
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क्रोधरामकिंकर जी महाराज
मानसिक विकार - क्रोध पर महाराज जी के प्रवचन आगे... |
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कृपारामकिंकर जी महाराज
मानसिक गुण - कृपा पर महाराज जी के प्रवचन आगे... |
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कामरामकिंकर जी महाराज
मानसिक विकार - काम पर महाराज जी के प्रवचन आगे... |
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जयशंकर प्रसाद की कहानियांजयशंकर प्रसाद
जयशंकर प्रसाद की सम्पूर्ण कहानियाँ आगे... |
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हिन्दी साहित्य का दिग्दर्शनमोहनदेव-धर्मपाल
हिन्दी साहित्य का दिग्दर्शन-वि0सं0 700 से 2000 तक (सन् 643 से 1943 तक) आगे... |
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छन्दोऽलङ्कारमञ्जरीरश्मि चतुर्वेदी
संस्कृत व्याकरण की प्रारम्भिक पुस्तक आगे... |
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प्रेमचन्द की कहानियाँ 3प्रेमचंद
प्रेमचन्द की सदाबहार कहानियाँ का तीसरा भाग आगे... |
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प्रेमचन्द की कहानियाँ 2प्रेमचंद
प्रेमचन्द की सदाबहार कहानियाँ का दूसरा भाग आगे... |
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प्रेमचन्द की कहानियाँ 1प्रेमचंद
प्रेमचन्द की सदाबहार कहानियाँ का पहला भाग आगे... |
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अकबर - बीरबलगोपाल शुक्ल
अकबर और बीरबल की नोक-झोंक के मनोरंजक किस्से आगे... |
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वरदान (उपन्यास)प्रेमचन्द‘वरदान’ दो प्रेमियों की कथा है। ऐसे दो प्रेमी जो बचपन में साथ-साथ खेले... आगे... |
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सोज़े वतन (कहानी-संग्रह)प्रेमचन्दसोज़े वतन यानी देश का दर्द… आगे... |
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सप्त सुमन (कहानी-संग्रह)प्रेमचन्दमुंशी प्रेमचन्द की सात प्रसिद्ध सामाजिक कहानियाँ आगे... |
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रूठी रानी (उपन्यास)प्रेमचन्दरूठी रानी’ एक ऐतिहासिक उपन्यास है, जिसमें राजाओं की वीरता और देश भक्ति को कलम के आदर्श सिपाही प्रेमचंद ने जीवन्त रूप में प्रस्तुत किया है आगे... |
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रंगभूमि (उपन्यास)प्रेमचन्दनौकरशाही तथा पूँजीवाद के साथ जनसंघर्ष का ताण्डव; सत्य, निष्ठा और अहिंसा के प्रति आग्रह, ग्रामीण जीवन में उपस्थित मद्यपान तथा स्त्री दुर्दशा का भयावह चित्र यहाँ अंकित है आगे... |