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आराधना

सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला

प्रकाशक : सरल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2011
पृष्ठ :100
मुखपृष्ठ :
पुस्तक क्रमांक : 8338

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जीवन में सत्य, सुंदर को बखानती कविताएँ



हँसो मेरे नयन


हँसो मेरे नयन,
बसो मेरे अयन।

हरो मेरे हरण,
भरो मेरे भरण,
चलो मेरे चरण,
पलो मेरे शयन।

गहो मेरे द्विकर,
अहो, मेरे प्रवर,
बहो मेरे इतर,
चहो मेरे चयन।

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