लोगों की राय

उपन्यास

कंकाल

जयशंकर प्रसाद

कंकाल भारतीय समाज के विभिन्न संस्थानों के भीतरी यथार्थ का उद्घाटन करता है। समाज की सतह पर दिखायी पड़ने वाले धर्माचार्यों, समाज-सेवकों, सेवा-संगठनों के द्वारा विधवा और बेबस स्त्रियों के शोषण का एक प्रकार से यह सांकेतिक दस्तावेज हैं।

  आगे...

परम्परा

गुरुदत्त

भगवान श्रीराम के जीवन की कुछ घटनाओं को आधार बनाकर लिखा गया उपन्यास

  आगे...

अवतरण

गुरुदत्त

हिन्दुओं में यह किंवदंति है कि यदि महाभारत की कथा की जायें तो कथा समाप्त होने से पूर्व ही सुनने वालों में लाठी चल जाती है।

  आगे...

सेवासदन (उपन्यास)

प्रेमचन्द

यह उपन्यास घनघोर दानवता के बीच कहीं मानवता का अनुसंधान करता है   आगे...

प्रतिज्ञा (उपन्यास)

प्रेमचन्द

‘प्रतिज्ञा’ उपन्यास विषम परिस्थितियों में घुट-घुटकर जी रही भारतीय नारी की विवशताओं और नियति का सजीव चित्रण है   आगे...

प्रगतिशील

गुरुदत्त

इस लघु उपन्यास में आचार-संहिता पर प्रगतिशीलता के आघात की ही झलक है।

  आगे...

पाणिग्रहण

गुरुदत्त

संस्कारों से सनातन धर्मानुयायी और शिक्षा-दीक्षा तथा संगत का प्रभाव

  आगे...

निर्मला (उपन्यास)

प्रेमचन्द

अद्भुत कथाशिल्पी प्रेमचंद की कृति ‘निर्मला’ दहेज प्रथा की पृष्ठभूमि में भारतीय नारी की विवशताओं का चित्रण करने वाला एक सशक्तम उपन्यास है…   आगे...

मनोरमा (उपन्यास)

प्रेमचन्द

‘मनोरमा’ प्रेमचंद का सामाजिक उपन्यास है।   आगे...

कायाकल्प

प्रेमचन्द

राजकुमार और रानी देवप्रिया का कायाकल्प....   आगे...

कर्मभूमि (उपन्यास)

प्रेमचन्द

प्रेमचन्द्र का आधुनिक उपन्यास…   आगे...

गोदान’ (उपन्यास)

प्रेमचन्द

‘गोदान’ प्रेमचन्द का सर्वाधिक महत्वपूर्ण उपन्यास है। इसमें ग्रामीण समाज के अतिरिक्त नगरों के समाज और उनकी समस्याओं का उन्होंने बहुत मार्मिक चित्रण किया है।   आगे...

ग़बन (उपन्यास)

प्रेमचन्द

ग़बन का मूल विषय है महिलाओं का पति के जीवन पर प्रभाव   आगे...

धरती और धन

गुरुदत्त

बिना परिश्रम धरती स्वयमेव धन उत्पन्न नहीं करती।  इसी प्रकार बिना धरती (साधन) के परिश्रम मात्र धन उत्पन्न नहीं करता।

  आगे...

प्रारब्ध और पुरुषार्थ

गुरुदत्त

प्रथम उपन्यास ‘‘स्वाधीनता के पथ पर’’ से ही ख्याति की सीढ़ियों पर जो चढ़ने लगे कि फिर रुके नहीं।

  आगे...

मैं न मानूँ

गुरुदत्त

मैं न मानूँ...

  आगे...

सुमति

गुरुदत्त

बुद्धि ऐसा यंत्र है जो मनुष्य को उन समस्याओं को सुलझाने के लिए मिला है, जिनमें प्रमाण और अनुभव नहीं होता।   आगे...

बनवासी

गुरुदत्त

नई शैली और सर्वथा अछूता नया कथानक, रोमांच तथा रोमांस से भरपूर प्रेम-प्रसंग पर आधारित...

  आगे...

नास्तिक

गुरुदत्त

खुद को आस्तिक समझने वाले कितने नास्तिक हैं यह इस उपन्यास में बड़े ही रोचक ढंग से दर्शाया गया है...

  आगे...

आशा निराशा

गुरुदत्त

जीवन के दो पहलुओं पर आधारित यह रोचक उपन्यास...

  आगे...

आंख की किरकिरी

रबीन्द्रनाथ टैगोर

नोबेल पुरस्कार प्राप्त रचनाकार की कलम का कमाल-एक अनूठी रचना.....

  आगे...

 

इस संग्रह में कुल 24 पुस्तकें हैं|