लोगों की राय

कहानी संग्रह >> पाँच फूल (कहानियाँ)

पाँच फूल (कहानियाँ)

प्रेमचन्द

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2014
पृष्ठ :113
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 8564

Like this Hindi book 4 पाठकों को प्रिय

425 पाठक हैं

प्रेमचन्द की पाँच कहानियाँ


खजाँ—मुझे तो विश्वास नहीं होता कि धर्मदास...

श्यामा—तुम्हें कभी विश्वास न आयेगा। लाओ बन्दूक मुझे दे दो। खड़े ताकते हो। क्या जब वे सर आ जायँगे, तब बन्दूक चलाओगे क्या तुम्हें भी यही मन्जूर है कि मुसलमान होकर जान बचाओ अच्छी बात है जाओ, श्यामा अपनी रक्षा आप कर सकती है; मगर उसे अब मुँह न दिखाना।

खजाँचन्द ने बन्दूक चलायी। एक सवार की पगड़ी उड़ाती हुई गोली निकल गई। जेहादियों ने ‘अल्लाह अकबर!' की हाँक लगायी। दूसरी गोली चली और एक घोड़े की छाती पर बैठी। घोड़ा वहीं गिर पड़ा। जेहादियों ने फिर ‘अल्लाहो अकबर!' की सदा लगायी और बढ़े। तीसरी गोली आयी। एक पठान लोट गया; पर इसके पहले कि चौथी गोली छूटे, पठान खजाँचन्द के सिर पर पहुँच गये और बन्दूक उसके हाथ से छीन ली।

एक सवार ने खजाँचन्द की ओर बन्दूक तान कर कहा—उड़ा दूँ सिर मरदूद का? इससे खून का बदला लेना होगा।

दूसरे सवार ने, जो इनका सरदार मालूम होता था, कहा—नहीं-नहीं, यह दिलेर आदमी है। खजाँचन्द तुम्हारे ऊपर दगा, खून और कुफ्र ये तीन इल्जाम हैं, और तुम्हें एक मौका और देते हैं। अगर तुम अब भी खुदा और रसूल पर ईमान लाओ, तो हम तुम्हें सीने से लगाने को तैयार हैं। इसके सिवा तुम्हारे गुनाहों का कोई काफरा (प्रायश्चित) नहीं है। यह हमारा आखिरी फैसला है। बोलो क्या मन्जूर है?

चारों पठानों ने कमर से तलवारें निकाल लीं और उन्हें खजाँचन्द के सिर पर दिया, मानो, ‘नहीं’ का शब्द मुँह से निकलते ही चारों तलवारें उसकी गर्दन पर जायँगी।

खजाँचन्द का मुख-मण्डल विलक्षण तेज से अलोकित हो उठा। उनकी दोनों आँखें स्वर्गीय ज्योति से चमकने लगीं। दृढ़ता से बोला—तुम एक हिन्दू से यह प्रश्न कर रहे हो? क्या तुम समझते हो कि जान के खौफ से वह अपना ईमान बेच डालेगा? हिन्दू को अपने ईश्वर तक पहुँचने के लिए किसी नबी वली या पैगम्बर की जरूरत नहीं।

चारों पठानों ने कहा—काफिर! काफिर!

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai