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प्रेम पचीसी (कहानी-संग्रह)

प्रेमचन्द

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2014
पृष्ठ :384
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 8582

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मुंशी प्रेमचन्द की पच्चीस प्रसिद्ध कहानियाँ

उपन्यासों की भाँति कहानियाँ भी कुछ घटना-प्रधान होती हैं, मगर कहानी में बहुत विस्तृत विश्लेषण की गुंजायश नहीं होती। यहाँ हमारा उद्देश्य सम्पूर्ण मनुष्य को चित्रित करना नहीं, वरन् उसके चरित्र का अंग दिखाना है। यह परमावश्यक है कि हमारी कहानी से जो परिणाम या तत्त्व निकले वह सर्वमान्य हो, और उसमें कुछ बारीकी हो। यह एक साधारण नियम है कि हमें उसी बात में आनन्द आता है, जिससे हमारा कुछ सम्बन्ध हो। जुआ खेलनेवालों को जो उन्माद और उल्लास होता है, वह दर्शक को कदापि नहीं हो सकता। जब हमारे चरित्र इतने सजीव और आकर्षक होते हैं, कि पाठक अपने को उनके स्थान पर समझ लेता है तभी उसे कहानी में आनंद प्राप्त होता है। अगर लेखक ने अपने पात्रों के प्रति पाठक में यह सहानुभूति नहीं उत्पन्न कर दी तो वह अपने उद्देश्य में असफल है।

अनुक्रम

1. आत्माराम
2. पशु से मनुष्य
3. मूठ
4. ब्रह्म का स्वाँग
5. सुहाग की साड़ी
6. विमाता
7. विस्मृति
8. बूढ़ी काकी
9. हार की जीत
10. लोकमत का सम्मान
11. दफ्तरी
12. विध्वंश
13. प्रारब्ध
14. बैर का अंत
15. नाग-पूजा
16. स्वत्व-रक्षा
17. पूर्व-संस्कार
18. दुस्साहस
19. बौड़म
20. गुप्त धन
21. आदर्श विरोध
22. विषम समस्या
23. अनिष्ट शंका
24. नैराश्य-लीला
25. परीक्षा

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