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अमेरिकी यायावर

योगेश कुमार दानी

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प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :150
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9435

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उत्तर पूर्वी अमेरिका और कैनेडा की रोमांचक सड़क यात्रा की मनोहर कहानी


हम लोग किटाटिनी आगंतुक केन्द्र पहुँचे। वहाँ से पार्क के मानचित्र को देखने और वहाँ के सूचना केन्द्र पर एक कर्मचारी से सलाह लेने के बाद आज मुझे यह समझ में आया कि यहाँ पर पार्क असलियत में एक जंगल को कहते हैं, इसके पहले आज तक मैं उत्तर भारत में अपने घरों के आस-पास बने घास के मैदानों को ही पार्क समझता था। भारत में मैं कभी भी इस प्रकार के पार्क में नहीं गया था, हालाँकि जिम कोरबेट नेशनल पार्क और राजाजी नेशनल पार्क मेरे शहर से बहुत दूर नहीं थे। अब समझ में आ रहा था कि वहाँ के पार्क भी लगभग इसी तरह के हैं। इन सुरक्षित जंगलों में वन्य प्राणी अपने प्राकृतिक स्वरूप में रहते हैं। इन जंगलों में मनुष्यों ने कच्चे रास्ते पर छोटी रोड़ी या रेत डालकर उसे ऐसा बना दिया है कि जिससे पानी बरसने पर भी इन रास्तों पर बहुत कीचड़ नहीं होता है और आप उस पर मजे से चल सकते हो। परंतु अधिकतर ट्रेल (मनुष्यों के चलने के लिए बनाया हुआ कच्चा रास्ता) छोटी पहाड़ियों से होकर गुजरती हैं, इसलिए चलने वालों को सपाट जमीन से अधिक मेहनत करनी पड़ती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से खुले आसमान और प्रदूषण रहित हवा के सुखद सहवास से यह एक अच्छा अनुभव बन जाता है।
मैंने कागज पर छपे हुए दो मानचित्र उठा लिए। मानचित्र को देखने के बाद हमने निश्चय किया सबसे पहले हम डिंगमान प्रपात (झरने) को देखने जायेंगे। यह प्रपात वहाँ से उत्तर दिशा की ओर लगभग आधे घंटे की कार यात्रा के बाद हमें दिखाई पड़ा। वहाँ कुछ समय स्वच्छ पानी के प्रवाह को देखने के बाद हम और उत्तर की ओर चले और रेमण्डस्किल प्रपात को देखने पहुँचे। तत्पश्चात् मिलफोर्ड बीच गये। बीच शब्द पढ़कर मैं कुछ चकित था, पर वहाँ जाकर ही समझ में आया कि यहाँ नदी का तट काफी उथला था। मिलफोर्ड बीच के पास ही एक रिसोर्ट बना हुआ है, जिसके समीप एक गोल्फ कोर्स और मनोरंजन के लिए कुछ सीमा तक प्राकृतिक और कुछ सीमा तक मानव निर्मित बीच (नदी का तट) भी है। यहाँ पर पिकनिक मनाने के लिए अच्छी जगह है। इसके साथ साइकिल चलाने और नदी में नाव उतारने की जगह भी है। परंतु यहाँ से नदी में नाव उतारने पर फीस लगती है, क्योंकि यह क्षेत्र पेनसेल्वेनिया में पड़ता है।
इंटरनेट पर पहले से पढ़ी हुई जानकारी के अनुसार मैं जानता था कि बिना फीस के नदी में नाव को न्यू जर्सी की तरफ से ही उतारा जा सकता है। हम लोग अभी तक यह तय नहीं कर पाये थे कि किराये की नाव कहाँ से लेंगे और कितनी दूर तक नदी में जायेंगे। यह तो तय था कि नाव जहाँ से नदी में उतारी जायेगी वहीं वापस करनी होगी, क्योंकि हमने कार भी वहीं कहीं आस-पास ही पार्क की होगी। अन्यथा कार तक वापस पैदल चल कर आना पड़ेगा। हम लोग यह समझ नहीं पा रहे थे कि हमें कितना साहस करना चाहिए! काफी सोच विचार के बाद हमें निर्णय लिया कि हम न्यू जर्सी की तरफ केडडू एक्सेस से अपनी नाव नदी में उतारेंगे। यह मिलफोर्ड बीच से बहुत दूर नहीं था और कोई समस्या आदि होने पर यहाँ सहायता आसानी से मिल सकती थी। हमने निर्णय लिया की हम चप्पू चलाते हुए नाव को नदी के उत्तर की ओर ले जायेंगे, ताकि बाद में यदि थकान होने लगे तो पानी के बहाव के साथ कम मेहनत से ही नाव वापस करने के स्थान पर वापस आ सकें।
नाव किराये पर लेने के समय यहाँ के कानून के अनुसार हमें लाइफ जेकेट लेना और पहनना दोनों ही आवश्यक था। जो कि हमने सहर्ष स्वीकार कर लिया। हम रोमांच का अनुभव तो करना चाहते थे, पर अभी तक इस खेल का कोई अनुभव नहीं होने के कारण पहली बार में सावधानी से काम लेना चाहते थे। 

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