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पीढ़ी का दर्द

सुबोध श्रीवास्तव

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :118
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9597

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संग्रह की रचनाओं भीतर तक इतनी गहराई से स्पर्श करती हैं और पाठक बरबस ही आगे पढ़ता चला जाता है।


काव्य संग्रह ‘पीढ़ी का दर्द' पढ़ा। कवि में काव्य संरचना की विशिष्ट-सामर्थ्य है। संग्रह की रचनाओं में सूरज का बिम्ब बहुत आकर्षित करता है।
शुभकामनाओं सहित-

- गिरिराज किशोर

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 ‘पीढ़ी का दर्द’ नई कविता के सशक्त हस्ताक्षर सुबोध का पहला संग्रह है जिसमें सामाजिक संवेदना को वाणी प्रदान की गई है। संग्रह में ऐसी कविताओं का बाहुल्य है, जो केवल एक पीढ़ी का दर्द ही नहीं, वरन् अनेक पीढ़ियों के दर्द की स्पष्ट तस्वीर हमारे सामने रखती हैं।

- कृष्णानन्द चौबे

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इस संग्रह की रचनाएं जीवन से सीधी जुड़ी हुई हैं। शिल्प और प्रतीकों का संयोजन भी इन्हें पठनीय बना देता है। इन्हें पढ़कर कवि श्री सुबोध श्रीवास्तव से और भी अच्छा काव्य लिखने की आशाएं हैं।

- डा. गिरिजा शंकर त्रिवेदी

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