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आचार्य श्रीराम शर्मा >> हारिए न हिम्मत

हारिए न हिम्मत

श्रीराम शर्मा आचार्य

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :32
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9830

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प्रस्तुत पुस्तक में आचार्य श्रीराम शर्मा जी ने लोगों को जीवन की कठिन परिस्थितियों में किस प्रकार के आचार-विचार की आवश्यकता है, इसे एक माह की डायरी के रूप में बताया है।


दिनांक : 6


तुम्हें यह सीखना होगा कि इस संसार में कुछ कठिनाइयाँ हैं, जो तुम्हें सहन करनी हैं। वे पूर्व कर्मों के कारण तुम्हें अजेय प्रतीत होती हैं। जहाँ कहीं भी कार्य में घबराहट, थकावट और निराशायें हैं, वहाँ अत्यंत प्रबल शक्ति भी है। अपना कार्य कर चुकने पर एक ओर खड़े होओ। कर्म के फल को समय की धारा में प्रवाहित हो जाने दो।

अपनी शक्ति भर कार्य करो और तब अपना आत्मसमर्पण करो। किन्हीं भी घटनाओं में हतोत्साहित न होओ। तुम्हारा अपने ही कर्मों पर अधिकार हो सकता है। दूसरों के कर्मों पर नहीं। आलोचना न करो, आशा न करो, भय न करो, सब अच्छा ही होगा। अनुभव आता है और जाता है। खिन्न न होओ। तुम दृढ़ भित्ति पर खड़े हुये हो।

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