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मूछोंवाली

मधुकांत

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :149
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9835

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‘मूंछोंवाली’ में वर्तमान से तीन दशक पूर्व तथा दो दशक बाद के 50 वर्ष के कालखण्ड में महिलाओं में होने वाले परिवर्तन को प्रतिबिंबित करती हैं ये लघुकथाएं।

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विद्यालय


तीन वर्ष की नन्हीं टीना अपनी बड़ी बहन के साथ जिद करके स्कूल आ गयी। इतने बच्चों को देखकर वह स्कूल के आंगन में किलकारी मारती हुई भाग-दौड़ कर रही थी। पास के कमरे में पढ़ा रही मैडम राजरानी बाहर आयी। बच्ची को दो चपत लगायीं और क्रोधित स्वर में शोर न करने का आदेश दिया।

चहचहाती चिडि़या को जैसे घायल कर दिया हो। टीना जोर-जोर से रोने लगी। सारे छात्रों का ध्यान उस ओर हो गया। उसकी बहन को बुलाया लेकिन वह फिर भी चुप नहीं हुई। आखिर प्रथम दिन आयी टीना को रोते हुए घर भिजवा दिया गया।

एक वर्ष बाद टीना की माँ ने उसे स्कूल भेजने के लिए अनेक जतन किए, सैकड़ों प्रलोभन दिए लेकिन टीना ने एक बार भी स्कूल जाना स्वीकार न किया।

अन्त में एक दिन माँ रोती-बिलखती टीना को किसी प्रकार स्कूल डालकर आयी।

 

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