लोगों की राय

नई पुस्तकें >> मूछोंवाली

मूछोंवाली

मधुकांत

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :149
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9835

Like this Hindi book 0

‘मूंछोंवाली’ में वर्तमान से तीन दशक पूर्व तथा दो दशक बाद के 50 वर्ष के कालखण्ड में महिलाओं में होने वाले परिवर्तन को प्रतिबिंबित करती हैं ये लघुकथाएं।

5

फीस माफी


रमिया ने आधे घूंघट की ओट से देखते हुए बच्चे की फीस माफी का प्रार्थनापत्र आगे बढ़ा दिया। प्राचार्य ने उसे पढ़ा और एक घृणित दृष्टि रमिया पर डाली, ’फीस माफी? तुम पर तो सरकार की ओर से टैक्स लगना चाहिए।’

‘क्यूं साहब!’ रमिया ने हल्का-सा घूंघट ऊपर किया।

‘क्योंकि सात बच्चों को तुमने धरती पर लाकर पाप किया है। इस देश को संकट में डाला है। इस पर भी तुम चाहती हो कि देश तुम्हारी फीस में माफी कर दे। जाओ कोई माफी नहीं हो सकती।’ प्राचार्यजी ने उसका प्रार्थनापत्र फेंक-सा दिया।

शर्म के कारण रमिया का प्रार्थनापत्र उठाने का साहस भी जाता रहा और वह पलटकर बाहर आ गयी।

 

0 0

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book