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प्रेमी का उपहार

रबीन्द्रनाथ टैगोर

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2014
पृष्ठ :159
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9839

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रवीन्द्रनाथ ठाकुर के गद्य-गीतों के संग्रह ‘लवर्स गिफ्ट’ का सरस हिन्दी भावानुवाद

उसे अर्पित करने के लिए मेरे पास केवल एक गीत है

दिवस अवसान् के समय जब अपने राजा के घर लौटता हूँ तब यात्रीगण मुझसे पूछते हैं–

‘‘राजा के प्रति श्रद्धा जताने के लिए तेरे पास क्या है?’’

बताओ, उन्हें कैसे दिखाऊँ अथवा कैसे बताऊँ  कि मेरे पास क्या है, क्योंकि मेरे पास तो बस केवल एक गीत है।

मेरे घर में बहुत-सी वस्तुएँ बनाई गई हैं। अतः वहाँ दावेदारों का उनके प्रति दावा भी अधिक है और माँग भी अधिक है।

किन्तु अपने राजा के घर आते समय तुम सच समझो, मेरे पास केवल एक गीत रह गया है और केवल इसी को, मैं उसकी माला के लिए उसे अर्पित करूँगा।

* * *

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