नई पुस्तकें >> रविवार व्रत कथा रविवार व्रत कथागोपाल शुक्ल
|
0 |
रविवार व्रत की विधि, कथा एवं आरती
रविवार की आरती
ॐ जय कश्यप नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥
ॐ जय कश्यप नन्दन…
जय सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥
ॐ जय कश्यप नन्दन…
जय सुर मुनि भूसुर वन्दित, विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥
ॐ जय कश्यप नन्दन…
जय सकल सुकर्म प्रसविता, सविता शुभकारी।
विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन हारी॥
ॐ जय कश्यप नन्दन…
जय कमल समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।
सेवत सहज हरत अति, मनसिज संतापा॥
ॐ जय कश्यप नन्दन…
जय नेत्र व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा हारी।
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥
ॐ जय कश्यप नन्दन…
जय सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।
हर अज्ञान मोह सब, तत्वज्ञान दीजै॥
ॐ जय कश्यप नन्दन…
|