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भारतीय साहित्य संग्रह की पुस्तकें :

पंचतंत्र

विष्णु शर्मा

भारतीय साहित्य की नीति और लोक कथाओं का विश्व में एक विशिष्ट स्थान है। इन लोकनीति कथाओं के स्रोत हैं, संस्कृत साहित्य की अमर कृतियां - पंचतंत्र एवं हितोपदेश।

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पथ के दावेदार

शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय

हम सब राही हैं। मनुष्यत्व के मार्ग से मनुष्य के चलने के सभी प्रकार के दावे स्वीकार करके, हम सभी बाधाओं को ठेलकर चलेंगे। हमारे बाद जो लोग आएंगे, वह बाधाओं से बचकर चल सकें, यही हमारी प्रतिज्ञा है।

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परशुराम संवाद

रामकिंकर जी महाराज

रामचरितमानस के लक्ष्मण-परशुराम संवाद का वर्णन

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परसाई के राजनीतिक व्यंग्य

हरिशंकर परसाई

राजनीतिक विषयों पर केंद्रित निबंध कभी-कभी तत्कालीन घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए अपने पाठ की माँग करते हैं लेकिन यदि ऐसा कर पाना संभव न हो तो भी परसाई की मर्मभेदी दृष्टि उनका वॉल्तेयरीय चुटीलापन इन्हें पढ़ा ले जाने का खुद में ही पर्याप्त कारण है।

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परिणीता

शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय

‘परिणीता’ एक अनूठी प्रणय कहानी है, जिसमें दहेज प्रथा की भयावहता का चित्रण किया गया है।

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परिवर्तन (नाटक)

शेक्सपियर, रांगेय राघव

The taming of the shrew का हिन्दी रूपान्तर.....   आगे...

पवहारी बाबा

स्वामी विवेकानन्द

यह कोई भी नहीं जानता था कि वे इतने लम्बे समय तक वहाँ क्या खाकर रहते हैं; इसीलिए लोग उन्हें 'पव-आहारी' (पवहारी) अर्थात् वायु-भक्षण करनेवाले बाबा कहने लगे।

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पाँच फूल (कहानियाँ)

प्रेमचन्द

प्रेमचन्द की पाँच कहानियाँ   आगे...

पिया की गली

कृष्ण गोपाल आबिद

भारतीय समाज के परिवार के विभिन्न संस्कारों एवं जीवन में होने वाली घटनाओं का मार्मिक चित्रण

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पीढ़ी का दर्द

सुबोध श्रीवास्तव

संग्रह की रचनाओं भीतर तक इतनी गहराई से स्पर्श करती हैं और पाठक बरबस ही आगे पढ़ता चला जाता है।

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