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शब्द का अर्थ

उद्बोध  : पुं० [सं० उद्√बुध्+घञ्] १. जागना। जागरण। २. बोध होना। ज्ञान प्राप्त होना। ३. फिर से याद आना। अनुस्मरण।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्बोध  : पुं० [सं० उद्√बुध्+घञ्] १. जागना। जागरण। २. बोध होना। ज्ञान प्राप्त होना। ३. फिर से याद आना। अनुस्मरण।
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उद्बोधक  : वि० [सं० उद्√बुध्+णिच्+ण्वुल्-अक] १. ज्ञान या बोध करानेवाला। २. जगानेवाला। ३. उद्दीप्त या उत्तेजित करनेवाला। पुं० सूर्य।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्बोधक  : वि० [सं० उद्√बुध्+णिच्+ण्वुल्-अक] १. ज्ञान या बोध करानेवाला। २. जगानेवाला। ३. उद्दीप्त या उत्तेजित करनेवाला। पुं० सूर्य।
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उद्बोधन  : पुं० [सं० उद्√बुध्+णिच्+ल्युट-अन] [वि० उद्बोधक, उदबोधनीय० उदबोधित] १. जागने या जगाने की क्रिया या भाव। २. ज्ञान या बोध कराने या होने की क्रिया या भाव। ३. उत्तेजित करना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्बोधन  : पुं० [सं० उद्√बुध्+णिच्+ल्युट-अन] [वि० उद्बोधक, उदबोधनीय० उदबोधित] १. जागने या जगाने की क्रिया या भाव। २. ज्ञान या बोध कराने या होने की क्रिया या भाव। ३. उत्तेजित करना।
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उद्बोधिता  : स्त्री० [सं० उद्√बुध्+णिच्+क्त-टाप्] साहित्य में, वह नायिका जो अपने उपपति के प्रेम से प्रभावित होकर उससे प्रेम करती हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उद्बोधिता  : स्त्री० [सं० उद्√बुध्+णिच्+क्त-टाप्] साहित्य में, वह नायिका जो अपने उपपति के प्रेम से प्रभावित होकर उससे प्रेम करती हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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