शब्द का अर्थ
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कंजा :
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पुं० [सं० करंज] एक कँटीली झाड़ी, जिसकी फली औषध के काम आती है। वि० [सं० कंजी] १. कंजे की फली के रंग का। गहरा खाकी। २. जिसकी आँखे उक्त रंग की हों। |
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कंजाभ :
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वि० [सं० कंज-आभा, ब० स०] कमल के समान आभा या कांतिवाला। पुं० कमल जैसी आभा या कांति। |
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कंजार :
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पुं० [सं० कम्√जृ+णिच्+अण्] दे० ‘कंजर’। |
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कंजारण्य :
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पुं० [सं० कंज-अरण्य, ष० त०] कमलों का वन। |
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कंजावलि :
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स्त्री० [कंज-आवलि, ब० स०] एक वर्णवृत्त, जिसके प्रत्येक चरण में भगण, नगण दो जगण और अंत में एक लघु होता है। |
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कंजास :
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पुं० [?] कूड़ा-कर्कट।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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