शब्द का अर्थ
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करार :
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पुं० [अ० करार] १. स्थिरता। २. धैर्य या शांति जिससे मन स्थिर होता है। पुं० =इकरार। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)वि० =करारा। पुं० [सं० करट] कौआ। उदा०—रटहिं कुभाँति कुखेत करारा।—तुलसी। पु०=कगार। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
करारना :
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अ० [अनु०, सं० करट] कर-कर अर्थात् कठोर शब्द निकलना या होना। स० कर-कर शब्द करना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
करारा :
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वि० [हिं० कड़ा] [भाव० करारापन] १. कठोर। कड़ा। २. (वस्तु) जो खाने में स्वादिष्ट हो तथा कुरकुर बोले। ३. (प्राणी) जो स्वास्थ्य के विचार से चंगा या हष्ट-पुष्ट हो। ४. (कार्य या व्यापार) जो बहुत उग्रष उत्कट या तेज हो। जैसे—करारा जवाब, करारी मार। पुं०=करा (कौआ)। पुं०= कगार। उदा०—लखन दीख पय उतर करारा।—तुलसी। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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करारोप :
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पं० [सं० कर-आरोप, ष० त०] दे० ‘अवाप्ति’। |
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समानार्थी शब्द-
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करारोप्य :
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वि० [सं० कर-आरोप्य, ष० त०] दे० ‘अवाप्य’। |
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समानार्थी शब्द-
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