शब्द का अर्थ
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छींक :
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स्त्री० [सं० छिक्का] १. शरीर का एक प्राकृतिक व्यापार जिसमें श्वास की वायु अकस्मात् नाक और गले से एक साथ ही एक विशिष्ट प्रकार का शब्द करती हुई निकलती है। २. उक्त शारीरिक व्यापार से होनेवाला शब्द। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छींकना :
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अ० [हिं० छींक] सहसा जोर से नाक और मुंह में से इस प्रकार साँस फेंकना कि जोर का शब्द हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छींका :
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पुं० [सं० शिक्य, प्रा० सिक्का] १. दीवार की खूँटी अथवा छत में की कड़ी में टाँगा या लटकाया जानेवाला तारों या रस्सियों का वह उपकरण जिसमें खाने, पीने आदि की रखी हुई वस्तुएँ चूहों, बिल्लियों, बच्चों आदि से सुरक्षित रहती है। मुहावरा–बिल्ली के भाग से छींका टूटना=संयोग से कोई अभीष्ट या वांछित घटना घटित होना। २. बैलों के मुंह पर बाँधी जानेवाली रस्सियों की जाली। ३. झूला। (क्व०)। |
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समानार्थी शब्द-
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