| शब्द का अर्थ | 
					
				| तत्र					 : | अव्य० [सं० तत्+त्रल्] उस स्थान पर। उस जगह। वहाँ। | 
			
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				| तत्रक					 : | पुं० [देश०] एक तरह का पेड़ जिसकी पत्तियों आदि से चमड़ा सिझाया जाता है। | 
			
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				| तत्रत्य					 : | वि० [सं० तत्र+त्यप्] वहाँ रहनेवाला। | 
			
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				| तत्रभवान्(वत्)					 : | पुं० [सं० पूज्य अर्थ में नित्य० स०] माननीय। पूज्य। श्रेष्ठ। | 
			
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				| तत्रापि					 : | अव्य० [सं० तत्र-अपि, द्व० स०] तथापि। तो भी। | 
			
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