| शब्द का अर्थ | 
					
				| तार्क्ष्य					 : | पुं० [सं० तृक्ष+यञ्] १. तृक्ष मुनि के गोत्रज। २. गरुड़ और उनके बड़े भाई अरुण। ३. घोड़ा। ४. रसांजन। ५. साँप। ६. एक प्रकार का साल वृक्ष। अश्वकर्ण। ७. महादेव। शिव। ८. सोना। स्वर्ण। ९. रथ। १॰. एक प्राचीन पर्वत। | 
			
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				| तार्क्ष्य-प्रसव					 : | पुं० [ब० स०] अश्वकर्ण वृक्ष। | 
			
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				| तार्क्ष्य-शैल					 : | पुं० [सं० मध्य० स०+अण्] रसांजन। रसौंत। | 
			
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				| तार्क्ष्यज					 : | पुं० [सं० तार्क्ष्य√जन्+ड०] रसौंत। रसांजन। | 
			
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				| तार्क्ष्यी					 : | स्त्री० [सं० तार्क्ष्य+ङीप्] एक प्रकार की जंगली लता। | 
			
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