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			| शब्द का अर्थ |  
				| तिसरैत					 : | पुं० [हिं० तीसरा] १. दो विरोधी, दलों, पक्षों, व्यक्तियों से भिन्न ऐसी तीसरा व्यक्ति जिसका उनके बैर-विरोध से कोई संबंध न हो। तटस्थ। जैसे–किसी तिसरैत को बीच में डालकर झगड़ा निबटा लो। २. लाभ, संपत्ति, आदि में तीसरे अंश या हिस्से का अधिकारी अथवा मालिक। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |