शब्द का अर्थ
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धनद :
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वि० [सं० धन√दा (देना)+क] [स्त्री० धनदा] १. धन देनेवाला। २. उदार तथा दानी (पुरुष)। पुं० १. कुबेर। २. अग्नि। आग। ३. चित्रक या चीता नामक वृक्ष। ४. समुद्र-फल। हिज्जल। ५. धनपति नामक वायु। ६. हिमालय में उत्तरा खंड के अन्तर्गत एक प्राचीन तीर्थ। |
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धनद-तीर्थ :
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[सं० कर्म० स०] कुबेर तीर्थ जो ब्रज मंडल में है। |
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धनदा :
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स्त्री० [सं० धनद+टाप्] आश्विन कृष्ण एकादशी। स्त्री० सं० ‘धनद’ का स्त्री०। |
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धनदाक्षी :
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स्त्री० [सं० धनद-अक्षि, ब० स०+ङीष्] लता करंज। |
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धनदायन :
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पुं० [देश०] एक प्रकार का पौधा जिसके काढ़े से ऊनी कपड़ों पर माड़ी लगाते हैं। |
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