शब्द का अर्थ
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धुर् :
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स्त्री० [सं० धुर्व् (हिंसा)+क्विप्] १. बैलों आदि के कंधे पर रखा जाने वाला जुआँ। २. बोझ। भार। ३. गाड़ी के पहियों का धुराः अक्ष। ४. खूँटी। ५. ऊँचा और श्रेष्ठ स्थान। ६. उँगली। ७. चिनगारी। ८. अंश। ९. धन-संपत्ति। १॰.. गंगा का एक नाम। ११. रथ का अगला भाग। |
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समानार्थी शब्द-
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धुर्य :
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वि० [सं० धुर+यत्] १. जिस पर बोझ या भार लादा जा सके। बोझ ढोने के योग्य। २. जो अपने ऊपर उत्तरदायित्व या भार ले सके। ३. दे० ‘धुरंधर’। पुं० १. भार ढोनेवाला पशु। २. बैल। ३. विष्णु। ४. ऋषभ नामक औषधि। |
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धुर्रा :
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पुं० [हिं० धूर=धूल] १. धूल का कण। २. किसी चीज का छोटा या सूक्ष्म कण या टुकड़ा। मुहा०—(किसी चीज के) धुर्रे उड़ाना=बहुत छोटे-छोटे खंड या टुकड़े करके बेकाम कर देना। छिन्न-भिन्न करना। (किसी के विचारों आदि के) धुर्रे उड़ाना=पूरी तरह से खंडन करके तुच्छ सिद्ध करना। (किसी व्यक्ति के) धुर्रे उड़ाना या उड़ा देना=बहुत अधिक मारना-पीटना। |
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