शब्द का अर्थ
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					मार्ग					 :
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					पुं० [सं०√मार्गवा√भृज्+घञ्] १. आने-जाने का रास्ता। पथ। राह। २. कोई ऐसा द्वार माध्यम या साधन जिसका अनुसरण, पालन या व्यवहार करने से कोई अभिप्राय या कार्य सिद्ध होता हो। ३. मलद्वार। गुदा। ४. अभिनय, नृत्य और संगीत की एक उच्च कोटि की शैली। ५. गंधर्व संगीत की वह शाखा जो देशी संगीत के संयोग से निकली थी। ६. मृगशिरा नक्षत्र। ७. मार्गशीर्ष या अगहन नाम का महीना। ८. विष्णु। ९. कस्तूरी। १॰. अपामार्ग। चिचड़ा। वि० मृग-सम्बन्धी। मृग का।				 | 
			
			
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					मार्ग-कर					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] वह कर जो यात्री को किसी विशिष्ट मार्ग से होकर जाने के बदले में देना पड़ता है। पथ-कर। (टोल टैक्स)				 | 
			
			
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					मार्ग-दर्शक					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] १. मार्ग दिखलानेवाला व्यक्ति २. वह जो यात्रियों, भ्रमण करने वालों का पथ-प्रदर्शन करता हो।				 | 
			
			
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					मार्ग-दर्शन					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] १. रास्ता दिखलाना। २. पथ-प्रदर्शन।				 | 
			
			
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					मार्ग-देशिक					 :
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					पुं० [सं०] संगीत में, कर्नाटकी पद्धति का एक राग।				 | 
			
			
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					मार्ग-देशी					 :
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					पुं० [हिं०] संगीत शास्त्र की दृष्टि से आज-कल का वह प्रचलित संगीत जिसमें ध्रपद, खयाल, टप्पा, ठुमरी आदि सम्मिलित हैं।				 | 
			
			
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					मार्ग-धेनु (क)					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] चार कोस की दूरी। एक योजन।				 | 
			
			
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					मार्ग-राग					 :
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					पुं० [सं०] संगीत-शास्त्र में प्राचीन राग, जिन्हें शुद्धराग भी कहते हैं। जैसे—भैरव, मेघ आदि राग। (देशी रागों से भिन्न)				 | 
			
			
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					मार्गक					 :
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					स्त्री० [सं० मारण]				 | 
			
			
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					मार्गक					 :
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					स्त्री० [सं० मार्ग्+कन्] मार्गशीर्ष या अगहन का महीना।				 | 
			
			
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					मार्गण					 :
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					पुं० [सं०√मार्ग् (खोजना)+ल्युट्—अन] १. अन्वेषण। खोज। २. प्रेम। ३. याचना। ४. याचक। भिखमंगा। ५. तीर। बाण।				 | 
			
			
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					मार्गणा					 :
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					स्त्री० [√मार्ग+णिच्+यु च्—अन्,+टाप्] १. अन्वेषण। २. याचना।				 | 
			
			
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					मार्गद					 :
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					पुं० [सं० मार्ग√दा (देना)+क] केवट। मल्लाह।				 | 
			
			
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					मार्गन					 :
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					पुं० [सं० मार्ग√पा (रक्षा करना)+क] मार्ग अर्थात् रास्ते का निरीक्षण करनेवाला अधिकारी। पुं० =मार्गण (तीर)।				 | 
			
			
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					मार्गपति					 :
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					पुं० =मार्गप।				 | 
			
			
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					मार्गव					 :
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					पुं० [सं०] १. अयोगवी माता और निषाद पिता से उत्पन्न एक प्राचीन संकर जाति। २. उक्त जाति का व्यक्ति।				 | 
			
			
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					मार्गवती					 :
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					स्त्री० [सं० मार्ग+मतुप, म---व---डीप्] एक देवी जो मार्ग चलनेवालों की रक्षा करनेवाली मानी गयी है।				 | 
			
			
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					मार्गशिर					 :
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					पुं० = मार्गशीर्ष।				 | 
			
			
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					मार्गशीर्ष					 :
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					पुं० [सं० मृगशीर्ष+अण्+ ङीप्, मार्गशीर्षी+ अण्] अगहन का महीना।				 | 
			
			
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					मार्गाधिकार					 :
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					पुं० [सं० मार्ग-अधिकार, ष० त०] वह अधिकार जो किसी मार्ग पर आने-जाने अथवा अपने आदमी या चीजें भेजने-मँगाने आदि के सम्बंध में किसी विशिष्ट व्यक्ति, देश आदि को प्राप्त होता है। (राइट आफ़ पैसेज)				 | 
			
			
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					मार्गिक					 :
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					पुं० [सं० मृग+ठक्—इक] १. पथिक। यात्री। २. मृगों को मारनेवाला व्याध।				 | 
			
			
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					मार्गी (गिन)					 :
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					पुं० [सं० मार्ग+इनि्] मार्ग पर चलनेवाला व्यक्ति। बटोही। यात्री। स्त्री० संगीत में एक मूर्च्छना जिसका स्वर-ग्राम इस प्रकार है—नि, स, रे,ग, म, प,ध, ।म, प, नि, स, रे, ग, म, प, ध, नि, स।				 | 
			
			
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