शब्द का अर्थ
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वाणिज :
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पुं० [सं० वणिज+अण्] १. व्यापारी। २. वड़वाग्नि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
वाणिज्य :
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पुं० [सं० वणिज+ष्यञ्] १. बहुत बड़े पैमाने पर होनेवाला व्यापार (कामर्स)। |
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वाणिज्य-चिन्ह :
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पुं० [सं० ष० त०] वह विशिष्ट चिन्ह जो कारखानेदार या व्यापारी अपने बनाये और बेचे जानेवाले सब तरह के माल या सामान पर इसलिए अंकित करते हैं कि औरों से उनका पार्थक्य और विशिष्टता सूचित हो। (मर्कन्टाइल मार्क)। |
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वाणिज्य-दूत :
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पुं० [ष० त०] किसी देश का वह राजकीय दूत जो किसी दूसरे देश में रहकर इस बात का ध्यान रखता है कि हमारे पारस्परिक वाणिज्य में कोई व्याघात न होने पावे। (कॉन्सल)। |
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वाणिज्यवाद :
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पुं० [सं० ष० त०] [वि० वाणिज्यवादी] पाश्चात्य देशों में मध्य युग में प्रचलित वह मत या सिद्धान्त जिसके अनुसार यह माना जाता था कि साधारण जन-समाज की तुलना में वणिकों या व्यापारियों के हितों का सबसे अधिक ध्यान रखा जाना चाहिए जिसमें आयात कम और निर्यात अधिक हो। (मर्केन्टाइलिज्म)। |
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