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शब्द का अर्थ
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विप्रयोग :
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पुं० [सं०] [भू० कृ० विप्रयुक्त] १. अलग या पृथक् होने की अवस्था या भाव। अलगाव। पार्थक्य। २. किसी बात या वस्तु से रहित या हीन होने की अवस्था या भाव। ‘संयोग’ का विरुद्धार्थक। जैसे—बिना धनुष-बाण के राम। (यदि धनुष-बाण वाला राम कहा जायगा तो वह संयोग कहलाएगा) ३. साहित्य में विप्रलंभ के दो भेदों में से एक जो उस मानसिक कष्ट या विरह का सूचक है, जो दूसरे से विवाह हो जाने पर कौमार्य अवस्था के प्रेम-पात्र से स्मरण से होता है। (आयोग से भिन्न) ४. वियोग। विरह। ५. बुरा या दुःखद समाचार। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
विप्रयोगी (गिन्) :
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वि० [सं० वि+प्रयोग+इनि] १. विप्रयोग-संबंधी। २. विप्रयोग करनेवाला। विमुक्त। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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