शब्द का अर्थ
|
अनरस :
|
पुं० [हिं० अन+रस] १. रस का अभाव। रसहीनता। शुष्कता। २. रूखाई। ३. मनोमालिन्य। मनमुटाव। ४. निरानंद। दुःख। ५. रसविहीन काव्य। वि० जिसमें कोई रस (आनंद या स्वाद) न हो।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अनरसना :
|
अ० [हिं० अन=नहीं+सं० रस] १. उदास होना। २. खिन्न या अप्रसन्न होना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अनरसा :
|
वि० [हिं० अन+सं० रस] १. बिना रस का। २. अनमना। अन्यमनस्क। ३.माँदा। बीमार। रोगी। पुं० दे०‘अँदरसा’।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अनरसों :
|
क्रि० वि० दे० ‘अतरसों’।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |