शब्द का अर्थ
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अनुलोम :
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पुं० [सं० अव्य० स० अच्] १. ऊँचे की ओर से नीचे की ओर या बड़े से छोटे की ओर आने का क्रम। उतार। २. संगीत में, ऊँचे स्वर से क्रमशः नीचे स्वरों का उच्चारण। अवरोह। |
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समानार्थी शब्द-
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अनुलोम-जन्मा (न्मन्) :
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वि० [ब० स०]=अनुलोमज। |
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अनुलोम-विवाह :
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पुं० [सं० सं० तृ० त०] ऐसा विवाह जो ऊँचे वर्ण के पुरुष तथा नीचे वर्ण की स्त्री में हो। जैसे—वैश्य और शूद्र का विवाह। |
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अनुलोमज :
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वि० [सं० अनुलोप√जन् (उत्पन्न होना)+ड] अनुलोम विवाह से उत्पन्न (संतान)। |
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अनुलोमतः :
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अव्य० [सं० अनुलोम+तस्] अनुलोमवाले क्रम से या ऐसे क्रम के विचार से। |
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अनुलोमन :
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पुं० [सं० अनुलोम+क्विप्+ल्युट्-अन] १. पेट का मल बाहर निकालने के लिए उपाय या प्रयत्न करना। २. ऐसी औषधि जिससे पेट का मल बाहर निकले। |
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अनुलोमा :
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स्त्री० [सं० अनुलोम+अच्-टाप्] वह स्त्री जो अपने पति से नीची जाति की हो। |
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अनुलोमा सिद्धि :
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स्त्री० [सं० व्यस्तपद] नरगवासियों, देशवासियों तथा सेनापतियों को दान तथा भेद से अपने अनुकूल करना। (कौ०) |
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