शब्द का अर्थ
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उन :
|
सर्व० १. हिं० ‘उस’ का (क) संख्यावाचक बहुवचन रूप। (ख) आदरार्थक बहुवचन रूप। २. प्रिय या प्रेमपात्र के लिए प्रयुक्त होनेवाला सांकेतिक सर्वनाम। उदाहरण—नैनन नींद गई है उन बिन तलफत मै दईमारी।—मदारीदास। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन :
|
सर्व० १. हिं० ‘उस’ का (क) संख्यावाचक बहुवचन रूप। (ख) आदरार्थक बहुवचन रूप। २. प्रिय या प्रेमपात्र के लिए प्रयुक्त होनेवाला सांकेतिक सर्वनाम। उदाहरण—नैनन नींद गई है उन बिन तलफत मै दईमारी।—मदारीदास। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनंगा :
|
वि० [हिं० ऊन (कम)+अंग] [स्त्री,० उनंगी] नीचे की ओर झुका हुआ। नत। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनंगा :
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वि० [हिं० ऊन (कम)+अंग] [स्त्री,० उनंगी] नीचे की ओर झुका हुआ। नत। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनचन :
|
स्त्री० [सं० उदंचन-ऊपर उठाना या खींचना] खाट या चारपाई में पैताने की ओर बाँधी जाने वाली रस्सी जिसकी सहायता से वह ढीली होने पर कसी जाती है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनचन :
|
स्त्री० [सं० उदंचन-ऊपर उठाना या खींचना] खाट या चारपाई में पैताने की ओर बाँधी जाने वाली रस्सी जिसकी सहायता से वह ढीली होने पर कसी जाती है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनचना :
|
स० [हिं० उनचन] खाट या चारपाई के पैताने वाली रस्सी के फंदे इस प्रकार खींचना कि उसकी ढीली बुनावट कस जाए। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनचना :
|
स० [हिं० उनचन] खाट या चारपाई के पैताने वाली रस्सी के फंदे इस प्रकार खींचना कि उसकी ढीली बुनावट कस जाए। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनचास :
|
वि० [सं० एकोनपंचाशत, पा० एकोनपंचास, उनपंचास] जो गिनती में चालीस और नौ हो। पचास से एक कम। पुं० चालीस और नौ की संख्या या अंक जो इस प्रकार लिखा जाता है-49। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनचास :
|
वि० [सं० एकोनपंचाशत, पा० एकोनपंचास, उनपंचास] जो गिनती में चालीस और नौ हो। पचास से एक कम। पुं० चालीस और नौ की संख्या या अंक जो इस प्रकार लिखा जाता है-49। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनंत :
|
वि० [सं० उन्नत] १. आगे झुका हुआ। उन्नत। २. ऊपर उठा हुआ। उदाहरण—भई उनंत प्रेम कै साखा।—जायसी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनंत :
|
वि० [सं० उन्नत] १. आगे झुका हुआ। उन्नत। २. ऊपर उठा हुआ। उदाहरण—भई उनंत प्रेम कै साखा।—जायसी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनतिस (तीस) :
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वि० [सं० एकोनत्रिंशत, पा० एकुनतीसा, उनतीसा] जो गिनती में बीस और नौ हो। तीस से एक कम। पुं० बीस और नौ की संख्या या अंक जो इस प्रकार लिखा जाता है-२9। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनतिस (तीस) :
|
वि० [सं० एकोनत्रिंशत, पा० एकुनतीसा, उनतीसा] जो गिनती में बीस और नौ हो। तीस से एक कम। पुं० बीस और नौ की संख्या या अंक जो इस प्रकार लिखा जाता है-२9। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनदा :
|
वि०=उनींदा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनदा :
|
वि०=उनींदा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनदौहा :
|
वि०=उनींदा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनदौहा :
|
वि०=उनींदा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनना :
|
स०=बुनना। अ०=उनवना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनना :
|
स०=बुनना। अ०=उनवना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमद :
|
वि०=उन्मत्त।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमद :
|
वि०=उन्मत्त।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमना :
|
वि०=अनमना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमना :
|
वि०=अनमना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमनी :
|
स्त्री० उन्मनी (योग की क्रिया)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमनी :
|
स्त्री० उन्मनी (योग की क्रिया)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमाथना :
|
स० [सं० उन्मथन] मथना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमाथना :
|
स० [सं० उन्मथन] मथना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमाथी :
|
वि० [हिं० उनमाथना से] मथनेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमाथी :
|
वि० [हिं० उनमाथना से] मथनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमाद :
|
पुं०=उन्माद।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमाद :
|
पुं०=उन्माद।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमादना :
|
अ० [हिं० उनमाद] उन्माद से युक्त होना। उन्मत होना। स० किसी को उन्मत्त करना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमादना :
|
अ० [हिं० उनमाद] उन्माद से युक्त होना। उन्मत होना। स० किसी को उन्मत्त करना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमान :
|
पुं० [सं० उद्-मान] १. नाप-तौल आदि का मान। परिमाण। २. गहराई गुरुत्व आदि का पता। थाह। ३. शक्ति। सामर्थ्य। ४. उपमा। तुलना। पुं०=अनुमान।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमान :
|
पुं० [सं० उद्-मान] १. नाप-तौल आदि का मान। परिमाण। २. गहराई गुरुत्व आदि का पता। थाह। ३. शक्ति। सामर्थ्य। ४. उपमा। तुलना। पुं०=अनुमान।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमानना :
|
स० [हिं० उनमान] अनुमान करना। अटकल लगाना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमानना :
|
स० [हिं० उनमान] अनुमान करना। अटकल लगाना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमाना :
|
अ० [सं० उन्मादन] १. उन्मत्त या पागल होना। २. प्रेम आदि से विह्वल होना। उदाहरण—ऋषिवर तहँ छंदवास गावत कल कंठ हास कीर्तन उनमाय काम क्रोध कंपिनी०-तुलसी। स० १. उन्मत या पागल करना। २. विभोर या विह्वल करना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमाना :
|
अ० [सं० उन्मादन] १. उन्मत्त या पागल होना। २. प्रेम आदि से विह्वल होना। उदाहरण—ऋषिवर तहँ छंदवास गावत कल कंठ हास कीर्तन उनमाय काम क्रोध कंपिनी०-तुलसी। स० १. उन्मत या पागल करना। २. विभोर या विह्वल करना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमानि :
|
स्त्री० [हिं० उनमान] उपमा। तुलना। उदाहरण—कमलदल नैनन की उनमानि।—रहीम।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमानि :
|
स्त्री० [हिं० उनमान] उपमा। तुलना। उदाहरण—कमलदल नैनन की उनमानि।—रहीम।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमीलन :
|
पुं०=उन्मीलन।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमीलन :
|
पुं०=उन्मीलन।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमुना :
|
वि० [हिं० अनमना] [स्त्री० उनमुनी] १. अन्य-मनस्क। अनमना। २. मौन। चुप।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमुना :
|
वि० [हिं० अनमना] [स्त्री० उनमुनी] १. अन्य-मनस्क। अनमना। २. मौन। चुप।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमुनी :
|
स्त्री०=उन्मुनी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमुनी :
|
स्त्री०=उन्मुनी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमूलना :
|
स० [सं० उन्मूलन] १. किसी वस्तु को जड़ से खोदना। उन्मूलन करना। २. पूर्ण रूप से नष्ट कर डालना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमूलना :
|
स० [सं० उन्मूलन] १. किसी वस्तु को जड़ से खोदना। उन्मूलन करना। २. पूर्ण रूप से नष्ट कर डालना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमेख :
|
पुं० [सं० उन्मेष] १. थोड़ा-सा खिलना या खुलना। २. मंद या हलका प्रकाश। उदाहरण—भ्रमर द्वै रविकरिन त्याए,करन जनु उनमेखु।—तुलसी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमेख :
|
पुं० [सं० उन्मेष] १. थोड़ा-सा खिलना या खुलना। २. मंद या हलका प्रकाश। उदाहरण—भ्रमर द्वै रविकरिन त्याए,करन जनु उनमेखु।—तुलसी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमेखना :
|
स० [सं० उन्मेष] १. आँखें खोलना। २. देखना। ३. (फूल आदि) खिलाना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमेखना :
|
स० [सं० उन्मेष] १. आँखें खोलना। २. देखना। ३. (फूल आदि) खिलाना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमेद :
|
पुं० [सं० उद्जल+मेदचरबी] जलाशयों में, वर्षा काल के आरंभ में उठने वाली एक प्रकार की विषाक्त फेन, जिसे खा लेने से मछलियाँ मर जाती है। माँजा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमेद :
|
पुं० [सं० उद्जल+मेदचरबी] जलाशयों में, वर्षा काल के आरंभ में उठने वाली एक प्रकार की विषाक्त फेन, जिसे खा लेने से मछलियाँ मर जाती है। माँजा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमोचन :
|
पुं०=उन्मोचन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनमोचन :
|
पुं०=उन्मोचन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनयना :
|
अ० [सं० उनमन] १. झुकना। लटकना। २. चारों ओर से घिर आना। छाना। उदाहरण—गहि मंदर बंदर भालु चले सो मनो उनये घन सावन के।—तुलसी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनयना :
|
अ० [सं० उनमन] १. झुकना। लटकना। २. चारों ओर से घिर आना। छाना। उदाहरण—गहि मंदर बंदर भालु चले सो मनो उनये घन सावन के।—तुलसी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनरना :
|
अ० [सं० उन्नरण-ऊपर जाना] १. ऊपर उठना या बढ़ना। उदाहरण—उनरत जोवनु देखि नृपति मन भावइ हो।—तुलसी। २. चारों ओर उमड़ना। घिरना या छाना। ३. उछलते या कूदते हुए आगे बढ़ना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनरना :
|
अ० [सं० उन्नरण-ऊपर जाना] १. ऊपर उठना या बढ़ना। उदाहरण—उनरत जोवनु देखि नृपति मन भावइ हो।—तुलसी। २. चारों ओर उमड़ना। घिरना या छाना। ३. उछलते या कूदते हुए आगे बढ़ना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनवना :
|
अ, [सं० उन्नमन] १. झुकना। २. चारों ओर या ऊपर आ घिरना। उदाहरण—कजरारे दृग की घटा जब उनवै जिहि ओरा।-रसनिधि। ३. अकस्मात् प्रकट होना या सामने आना। स० १. झुकाना। २. घेरना। ३. प्रकट करना। सामने लाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनवना :
|
अ, [सं० उन्नमन] १. झुकना। २. चारों ओर या ऊपर आ घिरना। उदाहरण—कजरारे दृग की घटा जब उनवै जिहि ओरा।-रसनिधि। ३. अकस्मात् प्रकट होना या सामने आना। स० १. झुकाना। २. घेरना। ३. प्रकट करना। सामने लाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनवर :
|
वि० [सं० ऊन-कम] १. कम। न्यून। २. तुच्छ। हीन।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनवर :
|
वि० [सं० ऊन-कम] १. कम। न्यून। २. तुच्छ। हीन।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनवान :
|
पुं०=अनुमान।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनवान :
|
पुं०=अनुमान।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनसठ :
|
वि० [सं० एकोनषष्टि, प्रा० एकुन्नसट्ठि, उनसट्टठि] जो गिनती में पचास और नौ हो। साठ से एक कम। पुं० पचास और नौ की संख्या या अंक जो इस प्रकार लिखा जाता है-59। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनसठ :
|
वि० [सं० एकोनषष्टि, प्रा० एकुन्नसट्ठि, उनसट्टठि] जो गिनती में पचास और नौ हो। साठ से एक कम। पुं० पचास और नौ की संख्या या अंक जो इस प्रकार लिखा जाता है-59। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनहत्तर :
|
वि० [सं० एकोनसप्तति, प्रा० एकोनसत्तरि, उनसत्तरि, उनहत्तरि] जो गिनती में साठ और नौ हो। सत्तर से एक कम। पुं० साठ और नौ की संख्या या अंक जो इस प्रकार लिखा जाता है-69। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनहत्तर :
|
वि० [सं० एकोनसप्तति, प्रा० एकोनसत्तरि, उनसत्तरि, उनहत्तरि] जो गिनती में साठ और नौ हो। सत्तर से एक कम। पुं० साठ और नौ की संख्या या अंक जो इस प्रकार लिखा जाता है-69। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनहानि :
|
स्त्री०=उन्हानि।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनहानि :
|
स्त्री०=उन्हानि।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनहार :
|
वि० [सं० अनुहार, प्रा० अनुहार] सदृश। समान। स्त्री० १. समानता। सादृश्य। २. किसी के अनुरूप बनी हुई कोई दूसरी वस्तु। प्रतिकृति।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनहार :
|
वि० [सं० अनुहार, प्रा० अनुहार] सदृश। समान। स्त्री० १. समानता। सादृश्य। २. किसी के अनुरूप बनी हुई कोई दूसरी वस्तु। प्रतिकृति।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनहास :
|
वि० स्त्री०=उनहार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनहास :
|
वि० स्त्री०=उनहार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनाना :
|
स० [सं० उन्नयन] १. नीचे की ओर लाना। झुकाना। २. किसी की ओर अनुरक्त या प्रवृत्त करना। लगाना। ३. ध्यान देना। मन लगाना। ४. आज्ञा का पालन करना। अ० आज्ञा मानना। स०=बुनवाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनाना :
|
स० [सं० उन्नयन] १. नीचे की ओर लाना। झुकाना। २. किसी की ओर अनुरक्त या प्रवृत्त करना। लगाना। ३. ध्यान देना। मन लगाना। ४. आज्ञा का पालन करना। अ० आज्ञा मानना। स०=बुनवाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनारना :
|
स० [सं० उन्नयन] १. ऊपर की ओर उठाना। २. आगे बढ़ाना। ३. दे० ‘उनाना’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनारना :
|
स० [सं० उन्नयन] १. ऊपर की ओर उठाना। २. आगे बढ़ाना। ३. दे० ‘उनाना’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनारी :
|
स्त्री० [हिं० उन्हला] रबी की फसल या बोआई। (बुदेल०)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनारी :
|
स्त्री० [हिं० उन्हला] रबी की फसल या बोआई। (बुदेल०)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनासी :
|
वि० पुं०=उन्नासी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनासी :
|
वि० पुं०=उन्नासी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनाह :
|
पुं० [सं० ऊष्मा] भाप। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनाह :
|
पुं० [सं० ऊष्मा] भाप। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनि :
|
सर्व०=उन्होंने।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनि :
|
सर्व०=उन्होंने।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनिदौंही :
|
वि०=उनींदा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनिदौंही :
|
वि०=उनींदा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनींद :
|
स्त्री० [सं० उन्निद्रा] बहुत अदिक निंद्रा आने पर या नींद से भरे होने की अवस्था। उदाहरण—लरिका स्रमित उनींद बस सयन करावहु जाइ।—तुलसी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनींद :
|
स्त्री० [सं० उन्निद्रा] बहुत अदिक निंद्रा आने पर या नींद से भरे होने की अवस्था। उदाहरण—लरिका स्रमित उनींद बस सयन करावहु जाइ।—तुलसी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनींदा :
|
वि० [सं० उन्नद्रि] [स्त्री० उनींदी] १. (आँखें) जिसमें नींद भरी हो। २. (व्यक्ति) जिसे नींद आ रही हो। ऊँघता हुआ। उदाहरण—आजु उनीदें आय मुरारी।—तुलसी। ३. नींद के कारण अलसाया हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनींदा :
|
वि० [सं० उन्नद्रि] [स्त्री० उनींदी] १. (आँखें) जिसमें नींद भरी हो। २. (व्यक्ति) जिसे नींद आ रही हो। ऊँघता हुआ। उदाहरण—आजु उनीदें आय मुरारी।—तुलसी। ३. नींद के कारण अलसाया हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनैना :
|
अ० दे० ‘उनवना’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उनैना :
|
अ० दे० ‘उनवना’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नइस :
|
वि०=उन्नीस।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नइस :
|
वि०=उन्नीस।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नत :
|
वि० [सं० उद्√नम्(झुकना)+क्त] १. जो ऊपर की ओर झुका या नत हुआ हो। २. ऊपर की ओर ऊँठा हुआ। ऊँचा। ३. पद, मर्यादा, स्थिति के विचार से जो पहले से अथवा अपने वर्ग के अन्य सदस्यों से बहुत आगे बढ़ा हुआ हो। श्रेष्ठ। ४. दीर्घ, महान या विशाल। पुं० अजगर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नत :
|
वि० [सं० उद्√नम्(झुकना)+क्त] १. जो ऊपर की ओर झुका या नत हुआ हो। २. ऊपर की ओर ऊँठा हुआ। ऊँचा। ३. पद, मर्यादा, स्थिति के विचार से जो पहले से अथवा अपने वर्ग के अन्य सदस्यों से बहुत आगे बढ़ा हुआ हो। श्रेष्ठ। ४. दीर्घ, महान या विशाल। पुं० अजगर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नतांश :
|
पुं० [सं० उन्नत-अंश, कर्म० स०] १. किसी आधार, स्तर या रेखा से अथवा किसी की तुलना में ऊपर की ओर का विस्तार। ऊँचाई। (आल्टिट्यूड) २. फलित ज्योतिष में दूज के चंद्रमा का वह कोना या श्रृंग जो दूसरे कोने या श्रृंग से कुछ ऊपर उठा हुआ हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नतांश :
|
पुं० [सं० उन्नत-अंश, कर्म० स०] १. किसी आधार, स्तर या रेखा से अथवा किसी की तुलना में ऊपर की ओर का विस्तार। ऊँचाई। (आल्टिट्यूड) २. फलित ज्योतिष में दूज के चंद्रमा का वह कोना या श्रृंग जो दूसरे कोने या श्रृंग से कुछ ऊपर उठा हुआ हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नति :
|
स्त्री० [सं० उद्√नम्+क्तिन्] १. उन्नत होने की अवस्था, क्रिया या भाव। २. उच्चता। ३. किसी कार्य या क्षेत्र में अच्छी तरह और बराबर आगे बढ़ते रहने या विकसित होते रहने की अवस्था, क्रिया या भाव। (प्रोग्रेस) जैसे—यह लड़का पढ़ाई में अच्छी उन्नति कर रहा है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नति :
|
स्त्री० [सं० उद्√नम्+क्तिन्] १. उन्नत होने की अवस्था, क्रिया या भाव। २. उच्चता। ३. किसी कार्य या क्षेत्र में अच्छी तरह और बराबर आगे बढ़ते रहने या विकसित होते रहने की अवस्था, क्रिया या भाव। (प्रोग्रेस) जैसे—यह लड़का पढ़ाई में अच्छी उन्नति कर रहा है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नति-शील :
|
वि० [ब० स०] (व्यक्ति या व्यापार) जिसमें उन्नति करते रहने की योग्यता हो अथवा जो बराबर उन्नति कर रहा हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नति-शील :
|
वि० [ब० स०] (व्यक्ति या व्यापार) जिसमें उन्नति करते रहने की योग्यता हो अथवा जो बराबर उन्नति कर रहा हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नतोदर :
|
पुं० [सं० उन्नत-उदर, कर्म० स०] वृत्त-खंड आदि का ऊपर उठा हुआ कोई अंश या तल। वि० दे० ‘उत्तल’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नतोदर :
|
पुं० [सं० उन्नत-उदर, कर्म० स०] वृत्त-खंड आदि का ऊपर उठा हुआ कोई अंश या तल। वि० दे० ‘उत्तल’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नद्ध :
|
वि० [सं० उद्√नह्(बंधन)+क्त] १. कसकर बँधा हुआ। २. बढ़ाया हुआ। ३. उठाया हुआ। ४. अभिमानी और उद्दंड। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नद्ध :
|
वि० [सं० उद्√नह्(बंधन)+क्त] १. कसकर बँधा हुआ। २. बढ़ाया हुआ। ३. उठाया हुआ। ४. अभिमानी और उद्दंड। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नमन :
|
पुं० [सं० उद्√नम्+ल्युट-अन] [भू० कृ० उन्नमित] १. ऊपर उठाना या ले जाना। २. उन्नत होना। उन्नति करना। ३. बनाकर तैयार या खड़ा करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नमन :
|
पुं० [सं० उद्√नम्+ल्युट-अन] [भू० कृ० उन्नमित] १. ऊपर उठाना या ले जाना। २. उन्नत होना। उन्नति करना। ३. बनाकर तैयार या खड़ा करना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नम्र :
|
वि० [सं० उद्√नम्+रन्] १. जो सीधा खड़ा हो। २. बहुत ऊँचा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नम्र :
|
वि० [सं० उद्√नम्+रन्] १. जो सीधा खड़ा हो। २. बहुत ऊँचा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नयन :
|
पुं० [सं० उद्√नी(लेजाना)+ल्युट-अन] [भू० कृ० उन्नति कर्त्ता, उन्नायक] १. ऊपर की ओर उठाना या ले जाना। २. ऐसा काम करना जिससे कोई आगे बढ़े या उन्नति करे। किसी की उन्नित का कारण बनना। ३. किसी को ऊँची कक्षा या वर्ग में अथवा ऊँचे पद पर पहुँचाना या भेजना। (प्रोमोशन) ४. ऊपर की ओर उठते हुए रूप में बनाना या रचना। जैसे—सीमन्तोन्नयन। ५. निष्कर्ष। सारांश। वि० [सं० उद्+नयन] जिसकी आँखें ऊपर की ओर उठी हों। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नयन :
|
पुं० [सं० उद्√नी(लेजाना)+ल्युट-अन] [भू० कृ० उन्नति कर्त्ता, उन्नायक] १. ऊपर की ओर उठाना या ले जाना। २. ऐसा काम करना जिससे कोई आगे बढ़े या उन्नति करे। किसी की उन्नित का कारण बनना। ३. किसी को ऊँची कक्षा या वर्ग में अथवा ऊँचे पद पर पहुँचाना या भेजना। (प्रोमोशन) ४. ऊपर की ओर उठते हुए रूप में बनाना या रचना। जैसे—सीमन्तोन्नयन। ५. निष्कर्ष। सारांश। वि० [सं० उद्+नयन] जिसकी आँखें ऊपर की ओर उठी हों। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नयन-यंत्र :
|
पुं० [ष० त०] दे० ‘उत्थानक’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नयन-यंत्र :
|
पुं० [ष० त०] दे० ‘उत्थानक’। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नाद :
|
पुं० [सं० उद्√नद्(शब्द)+घञ्] १. शोर-गुल। हो-हल्ला। २. गुंजन। कल-रव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नाद :
|
पुं० [सं० उद्√नद्(शब्द)+घञ्] १. शोर-गुल। हो-हल्ला। २. गुंजन। कल-रव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नाब :
|
पुं० [अं०] बेर की जाति का एक प्रकार का सूखा फल जो दवा के काम आता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नाब :
|
पुं० [अं०] बेर की जाति का एक प्रकार का सूखा फल जो दवा के काम आता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नाबी :
|
वि० [अ०] १. उन्नाव संबंधी। २. उन्नाब के दाने की रंगत का। कुछ गुलाबी या बैगनी झलक लिये हुए लाल। (लाइट मैरून) उक्त प्रकार का रंग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नाबी :
|
वि० [अ०] १. उन्नाव संबंधी। २. उन्नाब के दाने की रंगत का। कुछ गुलाबी या बैगनी झलक लिये हुए लाल। (लाइट मैरून) उक्त प्रकार का रंग। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नायक :
|
वि० [सं० उद्√नी+ण्वुल्-अक] १. उन्नयन करने या ऊपर चढ़ानेवाला। २. उन्नति की ओर ले जानेवाला। ३. आगे बढ़ानेवाला। ४. जिसकी प्रवृत्ति ऊपर उठने, चढ़ने या बढ़ने की ओर हो। (राइजिंग) जैसे—उन्नायक स्वर। ५. निष्कर्ष तक पहुँचानेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नायक :
|
वि० [सं० उद्√नी+ण्वुल्-अक] १. उन्नयन करने या ऊपर चढ़ानेवाला। २. उन्नति की ओर ले जानेवाला। ३. आगे बढ़ानेवाला। ४. जिसकी प्रवृत्ति ऊपर उठने, चढ़ने या बढ़ने की ओर हो। (राइजिंग) जैसे—उन्नायक स्वर। ५. निष्कर्ष तक पहुँचानेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नासी :
|
वि० [सं० ऊनाशीति, प्रा० ऊनासी] जो गिनती में सत्तर और नौ हो। अस्सी से एक कम। पुं० सत्तर और नौ की संख्या या अंक जो गिनती में इस प्रकार लिखा जाता है-79। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नासी :
|
वि० [सं० ऊनाशीति, प्रा० ऊनासी] जो गिनती में सत्तर और नौ हो। अस्सी से एक कम। पुं० सत्तर और नौ की संख्या या अंक जो गिनती में इस प्रकार लिखा जाता है-79। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नाह :
|
पुं० [सं० उद्√नह्+घञ्] १. उठाकर बाँधना। जैसे—स्तनोत्राह। २. अतिशयता। प्रचुरता। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नाह :
|
पुं० [सं० उद्√नह्+घञ्] १. उठाकर बाँधना। जैसे—स्तनोत्राह। २. अतिशयता। प्रचुरता। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्निद्र :
|
वि० [सं० उद्-निद्रा, ब० स०] १. जिसे नींद न आती हो या न आ रही हो। २. खिला हुआ। विकसित। पुं० एक रोग जिसमें रोगी को बिलकुल नींद नहीं आती या बहुत कम नींद आती है। (इन्सोम्निया) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्निद्र :
|
वि० [सं० उद्-निद्रा, ब० स०] १. जिसे नींद न आती हो या न आ रही हो। २. खिला हुआ। विकसित। पुं० एक रोग जिसमें रोगी को बिलकुल नींद नहीं आती या बहुत कम नींद आती है। (इन्सोम्निया) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नीत :
|
भू० कृ० [सं० उद्√नी+क्त] १. ऊपर उठाया चढ़ाया या पहुँचाया हुआ। २. ऊपर की कक्षा में या पद पर पहुँचाया हुआ। (प्रोमोटेड) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नीत :
|
भू० कृ० [सं० उद्√नी+क्त] १. ऊपर उठाया चढ़ाया या पहुँचाया हुआ। २. ऊपर की कक्षा में या पद पर पहुँचाया हुआ। (प्रोमोटेड) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नीस :
|
वि० [सं० एकोनविंशति, पा० एकोनवीसा, एकूनवीसा, प्रा० एकोन्नीस, उन्नीस] १. जो गिनती में दस और नौ हो। बीस में से एक कम। २. जो अपेक्षाकृत किसी से कम, घटकर या हीन हो। मुहावरा—(किसी से) उन्नीस होना (क) कुछ कम होना। थोड़ा घटना। (ख) गुण, योग्यता आदि में किसी से कुछ घटकर होना। (दो वस्तुओं का परस्पर) उन्नीस बीस होना-(क) दो वस्तुओं का प्रायः समान होने पर भी उन में से एक-दूसरे से कुछ घटकर और दूसरी का कुछ अच्छा होना। (ख) कोई ऐसी वैसी या साधारण अनिष्ट कर बात होना। जैसे—तुमने इस दोपहर में लड़के को वहाँ भेज दिया, कहीं कुछ उन्नीस-बीस हो जाए तो। पद-अन्नीस बीस का अंतर-बहुत ही थोड़ा या सामान्य और प्रायः नगण्य अंतर। पुं० उन्नीस की सूचक संख्या जो इस प्रकार लिखी जाती है-१९। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नीस :
|
वि० [सं० एकोनविंशति, पा० एकोनवीसा, एकूनवीसा, प्रा० एकोन्नीस, उन्नीस] १. जो गिनती में दस और नौ हो। बीस में से एक कम। २. जो अपेक्षाकृत किसी से कम, घटकर या हीन हो। मुहावरा—(किसी से) उन्नीस होना (क) कुछ कम होना। थोड़ा घटना। (ख) गुण, योग्यता आदि में किसी से कुछ घटकर होना। (दो वस्तुओं का परस्पर) उन्नीस बीस होना-(क) दो वस्तुओं का प्रायः समान होने पर भी उन में से एक-दूसरे से कुछ घटकर और दूसरी का कुछ अच्छा होना। (ख) कोई ऐसी वैसी या साधारण अनिष्ट कर बात होना। जैसे—तुमने इस दोपहर में लड़के को वहाँ भेज दिया, कहीं कुछ उन्नीस-बीस हो जाए तो। पद-अन्नीस बीस का अंतर-बहुत ही थोड़ा या सामान्य और प्रायः नगण्य अंतर। पुं० उन्नीस की सूचक संख्या जो इस प्रकार लिखी जाती है-१९। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नीसवाँ :
|
वि [हिं० उन्नीस+वाँ (प्रत्य)] जो गिनती में उन्नीस के स्थान पर पड़ता हो। अठारहवें के बाद का। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नीसवाँ :
|
वि [हिं० उन्नीस+वाँ (प्रत्य)] जो गिनती में उन्नीस के स्थान पर पड़ता हो। अठारहवें के बाद का। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नैना :
|
अ० [सं० उन्नयन] झुकना। स० झुकना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्नैना :
|
अ० [सं० उन्नयन] झुकना। स० झुकना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मज्जन :
|
पुं० [सं० उद्√मस्ज् (शुद्धि)+ल्युट-अन] जल या नदी में से (स्नान आदि कर चुकने पर) बाहर निकालना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मज्जन :
|
पुं० [सं० उद्√मस्ज् (शुद्धि)+ल्युट-अन] जल या नदी में से (स्नान आदि कर चुकने पर) बाहर निकालना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मत :
|
भू० कृ० [सं० उद्√मद्(हर्ष)+क्त] १. जिसकी बुद्दि या मति में किसी प्रकार का विकार हो गया हो। जिसकी बुद्धि ठिकाने न हो। २. पागल। बावला। ३. मादक पदार्थ के सेवन से जिसका मानसिक संतुलन बहुत बिगड़ गया हो या बिल्कुल नष्ट हो गया हो। ४. जो किसी प्रकार के आवेश (जैसे—अभिमान, क्रोध आदि) से भरकर मानसिक दृष्टि से उक्त स्थिति में पहुँच गया हो। पुं० १. धतूरा। २. मुचकुंद का पेड़। पद-उन्मत्त पंचकवैद्यक में, धतूरा, बकुची, भंग, जावित्री तथा खसखस इन पाँच मादक द्रव्यों का समूह। उन्मत्त रस-वैद्यक में पारे, गंधक आदि के योग से बना हुआ एक प्रकार का रस जिसे सूँघने से सन्निपात दूर जाता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मत :
|
भू० कृ० [सं० उद्√मद्(हर्ष)+क्त] १. जिसकी बुद्दि या मति में किसी प्रकार का विकार हो गया हो। जिसकी बुद्धि ठिकाने न हो। २. पागल। बावला। ३. मादक पदार्थ के सेवन से जिसका मानसिक संतुलन बहुत बिगड़ गया हो या बिल्कुल नष्ट हो गया हो। ४. जो किसी प्रकार के आवेश (जैसे—अभिमान, क्रोध आदि) से भरकर मानसिक दृष्टि से उक्त स्थिति में पहुँच गया हो। पुं० १. धतूरा। २. मुचकुंद का पेड़। पद-उन्मत्त पंचकवैद्यक में, धतूरा, बकुची, भंग, जावित्री तथा खसखस इन पाँच मादक द्रव्यों का समूह। उन्मत्त रस-वैद्यक में पारे, गंधक आदि के योग से बना हुआ एक प्रकार का रस जिसे सूँघने से सन्निपात दूर जाता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मत्तता :
|
स्त्री० [सं० उन्मत्त+तल्-टाप्] उन्मत्त होने की दशा या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मत्तता :
|
स्त्री० [सं० उन्मत्त+तल्-टाप्] उन्मत्त होने की दशा या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मंथ :
|
पुं० [सं० उ√मनथ् (बिलोना) +घञ्] १. एक रोग जिसमें कान की लौ सूज जाती है और उसमें खुलजी होती है। २. बिलोड़ना। मथना। ३. कष्ट पहुँचाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मंथ :
|
पुं० [सं० उ√मनथ् (बिलोना) +घञ्] १. एक रोग जिसमें कान की लौ सूज जाती है और उसमें खुलजी होती है। २. बिलोड़ना। मथना। ३. कष्ट पहुँचाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मथन :
|
पुं० [सं० उद्√मथ्+ल्युट-अन] [भू० कृ० उन्मथित] १. मथना। २. हिलाना। ३. पीड़ा देना। ४. क्षुब्ध करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मथन :
|
पुं० [सं० उद्√मथ्+ल्युट-अन] [भू० कृ० उन्मथित] १. मथना। २. हिलाना। ३. पीड़ा देना। ४. क्षुब्ध करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मथित :
|
भू० कृ० [सं० उद्√मथ्+क्त] १. मथा हुआ। २. हिलाया हुआ। ३. क्षुब्ध किया हुआ। ४. विक्षिप्त। ५. विकल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मथित :
|
भू० कृ० [सं० उद्√मथ्+क्त] १. मथा हुआ। २. हिलाया हुआ। ३. क्षुब्ध किया हुआ। ४. विक्षिप्त। ५. विकल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मद :
|
वि०=उन्मत्त।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मद :
|
वि०=उन्मत्त।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मदिष्णु :
|
वि० [सं० उद्√मद्+इष्णुच्] १. मतवाला। उन्मत्त। २. (हाथी) जिसका मद बह या निकल रहा हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मदिष्णु :
|
वि० [सं० उद्√मद्+इष्णुच्] १. मतवाला। उन्मत्त। २. (हाथी) जिसका मद बह या निकल रहा हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मध्य-प्रेरक :
|
वि० पुं० [सं० उद्-मध्य० अत्या० स० उन्मध्य० प्रेरक, कर्म० स०]=केंद्रापसारक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मध्य-प्रेरक :
|
वि० पुं० [सं० उद्-मध्य० अत्या० स० उन्मध्य० प्रेरक, कर्म० स०]=केंद्रापसारक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मन :
|
वि० [सं० उन्मनस्] [स्त्री० उन्मना] १. अनमना। अन्यमनस्क। २. उन्मत्त। ३. उद्विग्न। पुं० हठयोग में, मन की वह अवस्था, जो उसकी उन्मनी मुद्रा के साधन के समय प्राप्त होती है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मन :
|
वि० [सं० उन्मनस्] [स्त्री० उन्मना] १. अनमना। अन्यमनस्क। २. उन्मत्त। ३. उद्विग्न। पुं० हठयोग में, मन की वह अवस्था, जो उसकी उन्मनी मुद्रा के साधन के समय प्राप्त होती है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मनस्क :
|
वि० [सं० उद्-मनस्, ब० स० कप्] =उन्मन्। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मनस्क :
|
वि० [सं० उद्-मनस्, ब० स० कप्] =उन्मन्। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मना (नस्) :
|
वि० [सं० उद्-मानस्स० ब० स०] =उन्मन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मना (नस्) :
|
वि० [सं० उद्-मानस्स० ब० स०] =उन्मन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मनी :
|
स्त्री० [सं० उन्मस् ङीष्स, पृषो० सिद्धि] हटयोग की एक मुद्रा जिसमें भौहों को ऊपर चढ़ाकर नाक की नोक पर दृष्टि जमाई जाती है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मनी :
|
स्त्री० [सं० उन्मस् ङीष्स, पृषो० सिद्धि] हटयोग की एक मुद्रा जिसमें भौहों को ऊपर चढ़ाकर नाक की नोक पर दृष्टि जमाई जाती है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मर्दन :
|
पुं० [सं० उद्√मृद् (मलना)+ल्युट-अन] १. मलना। रगड़ना। २. वह तरल पदार्थ जो शरीर पर मला जाए। २. वायु शुद्ध करने की क्रिया या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मर्दन :
|
पुं० [सं० उद्√मृद् (मलना)+ल्युट-अन] १. मलना। रगड़ना। २. वह तरल पदार्थ जो शरीर पर मला जाए। २. वायु शुद्ध करने की क्रिया या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्माथ :
|
पुं० [सं० उद्√मथ् (मथना)+घञ्] १. हिलाने की क्रिया या भाव। २. मार डालना या वध करना। ३. वधिक। ४. कष्ट देना। पीड़ित करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्माथ :
|
पुं० [सं० उद्√मथ् (मथना)+घञ्] १. हिलाने की क्रिया या भाव। २. मार डालना या वध करना। ३. वधिक। ४. कष्ट देना। पीड़ित करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्माद :
|
पुं० [सं० उद्√मद् (गर्व करना)+घञ्] एक प्रकार का मानसिक रोग जिसमें मस्तिष्क का संतुलन बिगड़ जाता है और रोगी बिना-सोचे समझे अंड-बंड काम और बातें करने लगता है। चित्त-विभ्रम। पागलपन। साहित्य में यह एक संचारी भाव माना गया है जिसमें वियोग के कारण चित्त ठिकाने नहीं रहता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्माद :
|
पुं० [सं० उद्√मद् (गर्व करना)+घञ्] एक प्रकार का मानसिक रोग जिसमें मस्तिष्क का संतुलन बिगड़ जाता है और रोगी बिना-सोचे समझे अंड-बंड काम और बातें करने लगता है। चित्त-विभ्रम। पागलपन। साहित्य में यह एक संचारी भाव माना गया है जिसमें वियोग के कारण चित्त ठिकाने नहीं रहता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मादक :
|
वि० [सं० उद्√मद्+णिच्+ल्युट अन] [स्त्री० उन्मादिनी] १. (बात, विषय या व्यक्ति) जो किसी को उन्मद करे। पागल करनेवाला० २. (खाने-पीने की चीज) जिससे नशा होता हो। पुं० धतूरा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मादक :
|
वि० [सं० उद्√मद्+णिच्+ल्युट अन] [स्त्री० उन्मादिनी] १. (बात, विषय या व्यक्ति) जो किसी को उन्मद करे। पागल करनेवाला० २. (खाने-पीने की चीज) जिससे नशा होता हो। पुं० धतूरा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मादन :
|
पुं० [सं० उद्√मद्+णिच्+ल्युट अन] १. उन्मत्त करने की क्रिया या भाव। उन्माद उत्पन्न करना। २. कामदेव के पाँच वाणों में से एक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मादन :
|
पुं० [सं० उद्√मद्+णिच्+ल्युट अन] १. उन्मत्त करने की क्रिया या भाव। उन्माद उत्पन्न करना। २. कामदेव के पाँच वाणों में से एक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मादी (दिन्) :
|
वि० [सं० उन्माद+इनि] [स्त्री० उन्मादिनी] १. जो उन्माद रोग से ग्रस्त हो। २. उन्माद संबंधी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मादी (दिन्) :
|
वि० [सं० उन्माद+इनि] [स्त्री० उन्मादिनी] १. जो उन्माद रोग से ग्रस्त हो। २. उन्माद संबंधी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मान :
|
पुं० [सं० उद्√मा (मापना)+ल्युट- अन] १. ऊँचाई नापने का एक माप या नाप। २. द्रोण नामक एक पुरानी तौल। ३. मूल्य या महत्त्व समझना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मान :
|
पुं० [सं० उद्√मा (मापना)+ल्युट- अन] १. ऊँचाई नापने का एक माप या नाप। २. द्रोण नामक एक पुरानी तौल। ३. मूल्य या महत्त्व समझना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मार्ग :
|
पुं० [सं० उद् |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मार्ग :
|
पुं० [सं० उद् |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मार्गी (र्गिन्) :
|
वि० [सं० उन्मार्ग+इनि] १. बुरे रास्ते पर चलने वाला। कुमार्गी। २. जिसका आचरण बुरा हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मार्गी (र्गिन्) :
|
वि० [सं० उन्मार्ग+इनि] १. बुरे रास्ते पर चलने वाला। कुमार्गी। २. जिसका आचरण बुरा हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मार्जन :
|
पुं० [सं० उद्√मार्ज (शुद्धि, मिटाना)+णिच्+ल्युट मार्ग, प्रा० स०] १. अनुचित या बुरा मार्ग। खराब रास्ता। २. अनुचित और निंदनीय आचरण। खराब चाल-चलन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मार्जन :
|
पुं० [सं० उद्√मार्ज (शुद्धि, मिटाना)+णिच्+ल्युट मार्ग, प्रा० स०] १. अनुचित या बुरा मार्ग। खराब रास्ता। २. अनुचित और निंदनीय आचरण। खराब चाल-चलन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मित :
|
भू० कृ० [सं० उद्√मा+क्त] १. नापा या मापा हुआ। २. तौला हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मित :
|
भू० कृ० [सं० उद्√मा+क्त] १. नापा या मापा हुआ। २. तौला हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मिति :
|
स्त्री० [सं० उद्√मा+क्तिन्] १. नाप। माप। २. तौल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मिति :
|
स्त्री० [सं० उद्√मा+क्तिन्] १. नाप। माप। २. तौल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मिष :
|
वि० [सं० उद्√मिष् (सींचना)+क] १. खुला हुआ। २. खिला हुआ। पुं०=उन्मेष। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मिष :
|
वि० [सं० उद्√मिष् (सींचना)+क] १. खुला हुआ। २. खिला हुआ। पुं०=उन्मेष। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मीलन :
|
पुं० [सं० उद्√मील्(पलक करना)+ल्युट अन] [वि० उन्मीलनीय, भू० कृ० उन्मीलित, कर्त्ता, उन्मीलक] १. (पलकें ऊपर उठाकर) आँखें खोलना। २. (फूल) खिलना। विकसित होना। ३. प्रकट उन्मीलन अभिराम। -प्रसाद। ४. चित्र-कला में खुलाई नाम की क्रिया। अ० विशेष दे० ‘खुलाई’।होना० सामने आना। उदाहरण—विश्व का |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मीलन :
|
पुं० [सं० उद्√मील्(पलक करना)+ल्युट अन] [वि० उन्मीलनीय, भू० कृ० उन्मीलित, कर्त्ता, उन्मीलक] १. (पलकें ऊपर उठाकर) आँखें खोलना। २. (फूल) खिलना। विकसित होना। ३. प्रकट उन्मीलन अभिराम। -प्रसाद। ४. चित्र-कला में खुलाई नाम की क्रिया। अ० विशेष दे० ‘खुलाई’।होना० सामने आना। उदाहरण—विश्व का |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मीलना :
|
स० [सं० उन्मीलन] १. खोलना। २. विकसित करना। खिलाना। अ० १. खुलना। २. खिलना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मीलना :
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स० [सं० उन्मीलन] १. खोलना। २. विकसित करना। खिलाना। अ० १. खुलना। २. खिलना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मीलित :
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भू० कृ० [सं० उद्√मील्+क्त] १. (नेत्र) जो खुला हुआ हो। २. (फूल) जो खिला हुआ हो। पुं० साहित्य में, एक अलंकार समान गुण धर्मवाले दो पदार्थों के आपस में मिलकर एक हो जाने पर भी किसी विशेष कारण से दोनों का अंतर प्रकट होने का उल्लेख होता है। जैसे—चाँदनी रात में जानेवाली अभिसारिका नायिका के संबंध में यह कहना कि वह तो चाँदनी के साथ मिलकर एक हो गयी थी। और उसके शरीर से निकलनेवाली सुगंध के आधार पर ही उसकी सखी उसके पीछे-पीछे चली जा रही थी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मीलित :
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भू० कृ० [सं० उद्√मील्+क्त] १. (नेत्र) जो खुला हुआ हो। २. (फूल) जो खिला हुआ हो। पुं० साहित्य में, एक अलंकार समान गुण धर्मवाले दो पदार्थों के आपस में मिलकर एक हो जाने पर भी किसी विशेष कारण से दोनों का अंतर प्रकट होने का उल्लेख होता है। जैसे—चाँदनी रात में जानेवाली अभिसारिका नायिका के संबंध में यह कहना कि वह तो चाँदनी के साथ मिलकर एक हो गयी थी। और उसके शरीर से निकलनेवाली सुगंध के आधार पर ही उसकी सखी उसके पीछे-पीछे चली जा रही थी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मुक्त :
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भू० कृ० [सं० उद्√मुच् (खुलना, छोड़ना)+क्त] १. जिसे बंधन से छुटकारा मिला हो। मुक्त किया हुआ। २. खुला हुआ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मुक्त :
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भू० कृ० [सं० उद्√मुच् (खुलना, छोड़ना)+क्त] १. जिसे बंधन से छुटकारा मिला हो। मुक्त किया हुआ। २. खुला हुआ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मुक्ति :
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स्त्री० [सं० उद्√मुच्+क्तिन्] १. उन्मुक्त करने या होने की अवस्था या भाव। छुटकारा। मुक्ति। २. किसी प्रकार के अभियोग, बंधन आदि से छोड़ा जाना। (डिस्चार्ज) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मुक्ति :
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स्त्री० [सं० उद्√मुच्+क्तिन्] १. उन्मुक्त करने या होने की अवस्था या भाव। छुटकारा। मुक्ति। २. किसी प्रकार के अभियोग, बंधन आदि से छोड़ा जाना। (डिस्चार्ज) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मुख :
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वि० [सं० उद्-मुख, ब० स०] [स्त्री० उन्मुखा, भाव० उन्मुखता] १. जो ऊपर की ओर मुँह उठाए हो। २. जो किसी की या किसी की ओर देख रहा हो। ३. जो उत्कंठापूर्वक प्रतीक्षा कर रहा हो। ४. उद्यत। प्रस्तुत। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मुख :
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वि० [सं० उद्-मुख, ब० स०] [स्त्री० उन्मुखा, भाव० उन्मुखता] १. जो ऊपर की ओर मुँह उठाए हो। २. जो किसी की या किसी की ओर देख रहा हो। ३. जो उत्कंठापूर्वक प्रतीक्षा कर रहा हो। ४. उद्यत। प्रस्तुत। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मुग्ध :
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वि० [सं० उद्-मुग्ध, प्रा० स०] १. जो किसी पर बहुत अधिक आसक्त हो। २. बहुत अधिक मूर्ख। जड़। ३. व्याकुल। घबराया हुआ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मुग्ध :
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वि० [सं० उद्-मुग्ध, प्रा० स०] १. जो किसी पर बहुत अधिक आसक्त हो। २. बहुत अधिक मूर्ख। जड़। ३. व्याकुल। घबराया हुआ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मुद्र :
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वि० [सं० उद्-मुद्रा, ब० स०] १. जिसपर मोहर न लगी हो। २. खिला या खुला हुआ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मुद्र :
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वि० [सं० उद्-मुद्रा, ब० स०] १. जिसपर मोहर न लगी हो। २. खिला या खुला हुआ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मुनि :
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स्त्री०=उन्मनी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मुनि :
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स्त्री०=उन्मनी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मूलक :
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वि० [सं० उद्√मूल्(रोपना)+णिच्+ण्वुल अक] उन्मूलन करने या जड़ से उखाड़ फेंकनेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मूलक :
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वि० [सं० उद्√मूल्(रोपना)+णिच्+ण्वुल अक] उन्मूलन करने या जड़ से उखाड़ फेंकनेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मूलन :
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पुं० [सं० उद्√मूल्+णिच्+ल्युट अन] [वि० उन्मूलनीय, भू० कृ० उन्मूलित] १. मूल या जड़ से उखाड़कर फेंकने की क्रिया या भाव। समूल नष्ट करना। २. किसी चीज को इस प्रकार नष्ट-भ्रष्ट करना या हानि पहुँचाना कि वह फिर से उठ,पनप या विकसित न हो सके। (एक्सटर्मिनेशन) ३. किसी का अस्तित्व मिटाना। (एबालिशन) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मूलन :
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पुं० [सं० उद्√मूल्+णिच्+ल्युट अन] [वि० उन्मूलनीय, भू० कृ० उन्मूलित] १. मूल या जड़ से उखाड़कर फेंकने की क्रिया या भाव। समूल नष्ट करना। २. किसी चीज को इस प्रकार नष्ट-भ्रष्ट करना या हानि पहुँचाना कि वह फिर से उठ,पनप या विकसित न हो सके। (एक्सटर्मिनेशन) ३. किसी का अस्तित्व मिटाना। (एबालिशन) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मूलित :
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भू० कृ० [सं० उद्√मूल्+णिच्+क्त] १. जड़ से उखाड़ा हुआ। २. पूरी तरह से नष्ट किया हुआ। ३. जिसका अस्तित्व न रहने दिया गया हो। (एबॉलिश्ड) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मूलित :
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भू० कृ० [सं० उद्√मूल्+णिच्+क्त] १. जड़ से उखाड़ा हुआ। २. पूरी तरह से नष्ट किया हुआ। ३. जिसका अस्तित्व न रहने दिया गया हो। (एबॉलिश्ड) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मेष :
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पुं० [सं० उद्√मिष्+घञ्] [वि० उन्मिषित] १. (आँख का) खुलना। २. (फूल का) खिलना। ३. प्रकट होना। ४. थोड़ा, मंद या हलका प्रकाश। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मेष :
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पुं० [सं० उद्√मिष्+घञ्] [वि० उन्मिषित] १. (आँख का) खुलना। २. (फूल का) खिलना। ३. प्रकट होना। ४. थोड़ा, मंद या हलका प्रकाश। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मेषी (षिन्) :
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वि० [सं० उद्√मिष्+णइच्+णिनि] १. खोलनेवाला। जैसे—नेत्र उन्मेषी। २. खिलानेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मेषी (षिन्) :
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वि० [सं० उद्√मिष्+णइच्+णिनि] १. खोलनेवाला। जैसे—नेत्र उन्मेषी। २. खिलानेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मोचन :
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पुं० [सं० उद्√मुच्+णिच्+ल्युट-अन] [कर्त्ता, उन्मोचक] १. बंधन आदि से मुक्त करना। खोलना। २. कष्ट संकट आदि से छुड़ाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मोचन :
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पुं० [सं० उद्√मुच्+णिच्+ल्युट-अन] [कर्त्ता, उन्मोचक] १. बंधन आदि से मुक्त करना। खोलना। २. कष्ट संकट आदि से छुड़ाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्ह :
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सर्व० हिं० उस का वह अवधी बहुवचन रूप जो उसे विभक्ति लगने पर प्राप्त होता है। उदाहरण—साँचेहु उन्ह कै मोह न माया।—तुलसी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्ह :
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सर्व० हिं० उस का वह अवधी बहुवचन रूप जो उसे विभक्ति लगने पर प्राप्त होता है। उदाहरण—साँचेहु उन्ह कै मोह न माया।—तुलसी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्हानि :
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स्त्री०=उन्हारि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्हानि :
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स्त्री०=उन्हारि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्हारि :
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स्त्री० [सं० अनसार, हिं० अनुहार] १. बराबरी। समता। २. आकृति, रूप-रंग आदि में किसी के साथ होनेवाली समानता। ३. किसी के ठीक समान बनी हुई कोई दूसरी चीज़ या रूप। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्हारि :
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स्त्री० [सं० अनसार, हिं० अनुहार] १. बराबरी। समता। २. आकृति, रूप-रंग आदि में किसी के साथ होनेवाली समानता। ३. किसी के ठीक समान बनी हुई कोई दूसरी चीज़ या रूप। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्हारी :
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स्त्री० [हिं० उन्हाला] रबी की फसल। (बुंन्देल०)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्हारी :
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स्त्री० [हिं० उन्हाला] रबी की फसल। (बुंन्देल०)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्हाला :
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पुं० [सं० उष्ण-काल] ग्रीष्म ऋतु। गरमी के दिन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्हाला :
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पुं० [सं० उष्ण-काल] ग्रीष्म ऋतु। गरमी के दिन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |