शब्द का अर्थ
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ओढ़न :
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पुं० [हिं० ओढ़ना] ओढ़ने की चादर। ओढ़ना। उदाहरण—लोभइ ओढ़न लोभइ डासन।—तुलसी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओढ़न :
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पुं० [हिं० ओढ़ना] ओढ़ने की चादर। ओढ़ना। उदाहरण—लोभइ ओढ़न लोभइ डासन।—तुलसी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओढ़ना :
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स० [सं० उपवेष्टन, प्रा० ओवेड्ढन] १. अंग या अंगों को अच्छी तरह से ढकने के लिए शरीर पर कोई वस्त्र रखना या लपेटना। मुहावरा—(किसी का) ओढ़ना उतारना=अपमानित करना। ओढ़ना ओढ़ाना=विधवा स्त्री को पत्नी बनाना। विधवा के साथ विवाह करना। २. धारण करना। पहनना। उदाहरण—तुलसी पट उतरे ओढ़िहौं…।—तुलसी। पुं० तन ढकने के लिए ऊपर से डाला जानेवाला वस्त्र। पद—ओढ़ना-बिछौना=ऐसा काम या बात जिसमें कोई मनुष्य प्रायः लगा रहे अथवा जिसके बिना उसका निर्वाह न हो सके। ३. किसी प्रकार का उत्तरदायित्व, देन भार आदि अपने ऊपर या जिम्मे लेना। जैसे—(क) किसी का ऋण अपने ऊपर ओढ़ना। (ख) कोई बात अपने ऊपर ओढ़ना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओढ़ना :
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स० [सं० उपवेष्टन, प्रा० ओवेड्ढन] १. अंग या अंगों को अच्छी तरह से ढकने के लिए शरीर पर कोई वस्त्र रखना या लपेटना। मुहावरा—(किसी का) ओढ़ना उतारना=अपमानित करना। ओढ़ना ओढ़ाना=विधवा स्त्री को पत्नी बनाना। विधवा के साथ विवाह करना। २. धारण करना। पहनना। उदाहरण—तुलसी पट उतरे ओढ़िहौं…।—तुलसी। पुं० तन ढकने के लिए ऊपर से डाला जानेवाला वस्त्र। पद—ओढ़ना-बिछौना=ऐसा काम या बात जिसमें कोई मनुष्य प्रायः लगा रहे अथवा जिसके बिना उसका निर्वाह न हो सके। ३. किसी प्रकार का उत्तरदायित्व, देन भार आदि अपने ऊपर या जिम्मे लेना। जैसे—(क) किसी का ऋण अपने ऊपर ओढ़ना। (ख) कोई बात अपने ऊपर ओढ़ना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओढ़नी :
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स्त्री० [हिं०ओढ़ना] स्त्रियों के ओढ़ने का वस्त्र। जनानी चादर या दुपट्टा। मुहावरा—(किसी से) ओढ़नी बदलना=दो स्त्रियों का आपस में एक-दूसरे की ओढ़नी लेकर बहनापा स्थापित करना (स्त्रियाँ)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ओढ़नी :
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स्त्री० [हिं०ओढ़ना] स्त्रियों के ओढ़ने का वस्त्र। जनानी चादर या दुपट्टा। मुहावरा—(किसी से) ओढ़नी बदलना=दो स्त्रियों का आपस में एक-दूसरे की ओढ़नी लेकर बहनापा स्थापित करना (स्त्रियाँ)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |