शब्द का अर्थ
|
कत :
|
पुं० [सं० क√तन् (विस्तार)+ड] १. निर्मली। २. रीठा। पुं० [अ० कत] किसी चीज की विशेषतः सरकंडे आदि की कलम का वह अगला भाग जो लिखने के लिए कुछ तिरछा काटा जाता है। वि० [सं० कियत्] १. कितना। २. बहुत अधिक। अव्य० [सं० कुतः] १. किस जगह। कहाँ। २. किस लिए। क्यों। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतई :
|
क्रि० वि० [अ०] १. निपट। निरा। बिलकुल। २. कदापि। हरगिज। वि० पूर-पूरा और साफ या अंतिम। जैसे—कतई इन्कार, कतई हुकुम। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतक :
|
पुं० [सं० क√तक् (हँसना)+घ] १. निर्मली। २. रीठा। वि० केतक। (कितना)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतकी :
|
वि० [सं० कार्तिक (मास)] कार्तिक संबंधी। कार्तिक का। जैसे—कतकी पूर्णिमा। स्त्री० कार्तिक में पकनेवाली फसल। उदाहरण—कतकी की फसल तक निर्वाह कैसे करूँगा ?-वृंदावनलाल वर्मा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतना :
|
अ० [हिं० =कातना] (रेशम, सूत आदि का) काता जाना। स० कातना। वि० कितना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतनी :
|
स्त्री० [हिं० कातना] १. कांतने की क्रिया, भाव या मजदूरी कताई। २. सूत कातने की तकली। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतन्ना :
|
स० १. =कातना। २. =कतरना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतन्नी :
|
स्त्री० १. दे० ‘करतनी’। २. दे० ‘चरखी’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतर-ब्योंत :
|
स्त्री० [हिं० कतरना+ब्योंत] १. कतर या काटकर अपनी आवश्यकता या ब्योंत के अनुसार कोई चीज उपयुक्त बनाने की क्रिया या भाव। काट-छाँट। २. उलट-फेर। हेर-फेर। ३. किसी बात के संबंध में किया जानेवाला सोच-विचार। ४. युक्ति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतरछाँट :
|
स्त्री०=कतर-ब्योंत। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतरन :
|
स्त्री० [हिं० कतरना] १. कतरने की क्रिया, ढंग या भाव। २. किसी वस्तु के वे छोटे-छोटे टुकड़े जो किसी कारण विशेष से उस वस्तु से काटकर अलग किये गये हों। जैसे—(क) कपड़े या कागज की कतरन। (ख) गरी का कतरन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतरना :
|
स० [सं० कर्तन या कृंतन] १. कपड़े कागज या लोहे आदि की चद्दरों को कैंची से काटकर दो या कई टुकड़ों में विभक्त करना। २. लाक्षणिक अर्थ में, बीच में से काटना। जैसे—बात कतरना। ३. किसी प्रकार काट या निकालकर अलग करना। जैसे—पाँच रुपए आप ने भी उसमें से कतर लिये। ४. दे० ‘कुतरना’। पुं० [स्त्री० अल्पा० कतरनी] बड़ी कतरनी या कैंची। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतरनाल :
|
स्त्री० [हिं० कतरना+नाल=चरखी] एक प्रकार की दोहरी गड़ारीवाली चरखी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतरनी :
|
स्त्री० [हिं० कतरना या सं० कर्त्तनी] दो फलोंवाला एक प्रसिद्ध उपकरण जिससे कपड़े,कागज आदि काटे जाते हैं। कैंची। मुहावरा—कतरनी की तरह (या कतरनी सी) जबान चलना=बहुत जल्दी-जल्दी और अनावश्यक रूप से और कुछ उद्दंडतापूर्वक मुँह से बातें निकालना। २. लुहारों, सुनारों आदि की कैची की तरह का वह औजार जिससे वे धातु की चादरें या पत्तर काटते हैं। ३. कोई चीज काटने वाला औजार। जैसे—जुलाहों, तमोलियों, मोचियों आदि की कतरनी। स्त्री० [?] दक्षिण भारत की नदियों में पायी जानेवाली एक प्रकार की मछली। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतरवाँ :
|
वि० [हिं० कतरना+वाँ (प्रत्यय)] १. जो कतर या काट कर निकाला या बनाया गया हो। २. घुमाव-फिराव वाला। टेढ़ा-तिरछा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतरवाई :
|
स्त्री० [हिं० कतरवाना+आई (प्रत्यय)] १. कतरवाने की क्रिया या भाव। (क्व०) २. कतरवा कर तैयार कराने का पारिश्रमिक या मजदूरी। जैसे—इस कमीज या कोट की कतरवाई पाँच रुपए है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतरवाना :
|
स० [हिं० कतरना] दूसरे को कोई चीज कतरने में प्रवृत्त करना। कतरने का काम दूसरे से करवाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतरा :
|
पुं० [अ० कतरः] जल या तरल पदार्थ की बूँद। टीप। पुं० [हिं० कतरना] कट या टूटकर निकला हुआ अथवा कतर या काटकर निकाला हुआ छोटा टुकड़ा। जैसे—पत्थर का कतरा। २. एक प्रकार की बड़ी नाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतराई :
|
स्त्री० [हिं० कतरना] १. कतरवाई (दे०) २. कतराकर जाने की क्रिया या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतराना :
|
अ० [हिं० ‘कतरना’ का प्रे० रूप] [भाव० कतराई] १. कतरने का काम किसी से कराना। कतरवाना। २. किसी की निगाह बचाते हुए दूर से या चुपके से किसी और निकल जाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतरी :
|
स्त्री० [सं० कर्त्तरी=चक्र] १. कोल्हू का पाट, जिस पर बैठकर बैल हाँके जाते हैं। कातर। २. हाथ में पहनने का एक प्रकार का गहना। ३. एक प्रकार का औजार जिससे दीवारों में कारनीस बनायी जाती है। ४. दे० ‘कतली’। स्त्री० [१] वह यंत्र जिसकी सहायता से जहाज पर नावें रखी जाती हैं। (लश०।) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतला :
|
पुं० [सं० कर्त्तन या हिं० कतरा] [स्त्री० अल्पा कतली] किसी चीज का कटा हुआ चौकोर बड़ा टुकड़ा। जैसे—बरफी का कतला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतलाम :
|
पुं० =कतलेआम। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतली :
|
स्त्री० [हिं० कतला] १. चीनी का शीरा पका कर उसमें गरी की करतनें, तरबूज के बिए, बादाम आदि डालकर जमाई हुई बरफी। २. उक्त का कटा हुआ चौकोर छोटा टुकड़ा। ३. दे० ‘कतरी’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतवाना :
|
स० [हिं० कातना का प्रे० रूप] कातने का काम किसी दूसरे से कराना। कातने में किसी को प्रवृत्त करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतवार :
|
पुं० [सं० कच्चर, प्रा० कच्चवार] १. घर की सफाई करने पर निकलने वाला कूड़ा-करकट। २. लाक्षणिक अर्थ में,अनुपयोगी तथा व्यर्थ की बटोरी हुई वस्तुएँ। वि० [हिं० कातना] कातनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतवारखाना :
|
पुं० [हिं० कतवार+फा० खाना] कूड़ा-करकट फेंकने का सार्वजनिक स्थान। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतहुँ (हूँ) :
|
अव्य० [हिं० कत+हूँ] कहीं। क्रि० वि० [हिं० कत+हूँ] १. किसी स्थान पर। २. किसी जगह। कहीं। २. कहीं-न-कहीं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कता :
|
स्त्री० [अ० कतअ] १. किसी चीज के बनने बनाने का ढंग। तर्ज। बनावट। २. पहनने के कपड़ों की कतर-ब्योंत या काट-छाँट। ३. अरबी फारसी या उर्दू में कोई छोटा पद्य या उसका चरण। ४. चित्रकला में वह कृति जिसमें बेल-बूटे से घिरे हुया कोई पद्य लिखा हो। ५. दे० ‘किता’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कताई :
|
स्त्री० [हिं० कातना] १. कातने की क्रिया, ढंग या भाव। (स्पिनिंग) २. कातने का पारिश्रमिक या मजदूरी। ३. कोई काम व्यर्थ ही अधिक समय लगाकर धीरे-धीरे या कई बार करते रहना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतान :
|
पुं० [१] १. एक प्रकार का बहुत बढ़िया कपड़ा जो पहले अलसी की छाल से बनता था। २. एक प्रकार का बढ़िया रेशमी कपड़ा जिससे दुपट्टे या साड़ियाँ बनती हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कताना :
|
स० [हिं० कातना का प्रे० रूप] कातने का काम किसी से कराना। कतवाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतार :
|
स्त्री० [अ०] १. पंक्ति। माला। २. झुंड। समूह। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतारा :
|
पुं० [सं० कांतार, प्रा० कंतार] [स्त्री० अल्पा, कतारी] १. एक प्रकार का लाल ऊख जो बहुत लंबा होता है। २. इमली की फली। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतारी :
|
स्त्री०=कतार। (पंक्ति)। स्त्री० [अ० कतऽ] ढंग। तरीका। प्रकार।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कति :
|
वि० [सं० किम्+डित] १. किस मानका। कितना। २. (गिनती में) कितने। ३. न जाने कितने। बहुत अधिक। सर्व० कौन। स्त्री० [सं० कृति] क्रीड़ा। खेल। उदाहरण—बालकति करि हंस चौ बालक।—प्रिथीराज। अव्य० =कित। (किधर)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतिक :
|
वि० [सं० कति+क ( प्रत्यय)] १. कई एक। कितने ही। २. न जाने कितने। (संख्या या मान में अज्ञात) ३. =कितना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतिधा :
|
वि० [सं० कति+धा] अनेक प्रकार का । क्रि० वि० अनेक प्रकार से। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतिपय :
|
वि० [सं० कति+अयच्, पुकआगम्] १. कितने ही। कई एक। २. जो गिनती में कम हों। थोड़े से। जैसे—कतिपय विद्वानों का यह मत है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतीरा (ला) :
|
पुं० [देश] गूल नामक वृक्ष का गोंद जो प्रायः औषध के रूप में काम आता है। (ट्रैगेकान्थ) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतेक :
|
वि० [सं० कति+हिं० एक] १. गिनती में कई। अनेक। उदाहरण—कतेक जतन विहि आवि समारल।—विद्यापति। २. थोड़े से। कुछ।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतेब :
|
स्त्री० [फा० किताब] १. पुस्तक। किताब २. धर्म-ग्रंथ।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कतौनी :
|
स्त्री० [हिं० कातना] १. कातने की क्रिया, ढंग, भाव या मजदूरी। २. अनावश्यक रूप से और बार-बार कुछ करते या कहते रहने की क्रिया या भाव। ३. तुच्छ और व्यर्थ का काम। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कत्तई :
|
क्रि० वि० दे० ‘कतई’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कत्तर :
|
पुं० [?] वह डोरी जिससे स्त्रियाँ अपने केश बाँधती या गूँथती हैं। चोटी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कत्तरी :
|
स्त्री० [सं० कर्त्तरी] कैचीं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कत्तल :
|
पुं० [हिं० कतरा,या अ० कतरः =टुकड़ा] १. काटकर अलग किया हुआ छोटा टुकड़ा। कतरा। २. ईंट, पत्थर आदि का छोटा टुकड़ा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कत्ता :
|
पुं० [सं० कर्तृ का वृहदर्थक रूप] १. बाँस काटनेवालों का बाँका नाम का औजार। २. एक प्रकार का बड़ा चाकू या छोटी तलवार। ३. चौपड़ खेलने का पासा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कत्तारी :
|
पुं० [सं० कांतार] मझोले आकार का एक प्रकार का सदाबहार पेड़। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कत्तावा :
|
पुं० =कत्तारी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कत्ती :
|
स्त्री० [सं० कर्तरी] १. एक प्रकार की छोटी तलवार जिसका फल बिलकुल सीधा होता है। २. कटारी। ३. काटने या कतरने का कोई औजार। जैसे—कतरनी, चाकू आदि। स्त्री० [?] पगड़ी बाँधने का वह ढंग या प्रकार जिसमें उसका कपड़ा पतली बत्ती की तरह बट या लपेटकर काम में लाया जाता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कत्थ :
|
पुं० [हिं० कत्था] १. कत्था। खैर। २. एक विशेष प्रकार का स्याही का काला रंग। (रँगरेज)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कत्थई :
|
वि० [हिं० कत्था] कत्थे या खैर के रंग का। खैरा। (रंग)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कत्थक :
|
पुं० =कथक (जाति)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कत्थना :
|
स्त्री० [सं०√कत्थ्+णिच्+युच्-अन, टाप्] डींग। स० [सं० कथन] कथन करना। कहना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कत्था :
|
पुं० [सं० क्वाथ] १. पान पर लगाकर अथवा पान के साथ खाया जाने वाला एक प्रकार का प्रसिद्ध घन पदार्थ जो कीकर की वृक्षों की लकड़ियों को उबालकर तैयार किया जाता है। खैर। २. वे वृक्ष जिनकी लकड़ियों से उक्त पदार्थ निकलता है। (कैटेच्यू)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कत्ल :
|
पुं० दे० ‘कतल’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |