शब्द का अर्थ
|
क्लिष्ट :
|
वि० [सं०√क्लिश्+क्त] १. क्लेशयुक्त कष्ट में पड़ा हुआ। २. (वाक्य या शब्द) जिसका अर्थ सहसा लोगों की समझ में न आता हो अथवा जिसका अर्थ लगाने में कुछ खींच-तान करनी पड़ती हो। कठिन। दुरुह। ३. (बात) जो पूर्वापर विरुद्ध या बेमेल हो। ४. नष्ट-भ्रष्ट। ५. मुरझाया हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
क्लिष्ट-कल्पना :
|
स्त्री० [कर्म० स०] ऐसी कल्पना या मन की उपज जो स्वतः सिद्ध या स्पष्ट न हो, बल्कि बहुत खींच तान या कठिनता से ठीक सिद्ध की जा सके। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
क्लिष्ट-कल्पित :
|
वि० [कर्म० स०] (मत या विचार) जो क्लिष्ट कल्पना से निकला हो। (फारफेच्ड) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
क्लिष्ट-घात :
|
पुं० [कर्म० स०] किसी को बहुत अधिक कष्ट पहुँचाकर उसके प्राण लेना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
क्लिष्टता :
|
स्त्री० [सं० क्लिष्ट+तल्-टाप्] क्लिष्ट होने की अवस्था, गुण या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
क्लिष्टत्व :
|
पुं० [सं० क्लिष्ट+त्व] १. क्लिष्टता० २. साहित्यक रचना का वह दोष जिसके कारण लोगों को उसका अर्थ समझने में बहुत कठिनता होती है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
क्लिष्टवर्त्म :
|
पुं० =क्लिन्नवर्त्म। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
क्लिष्टा :
|
स्त्री० [सं० क्लिष्ट+अच्-टाप्] आत्मा को कष्ट देनेवाली चित्तवृत्तियाँ। (पतंजलि)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
क्लिष्टि :
|
स्त्री० [सं०√क्लिश्+क्तिन्] १. क्लेश। २. नौकरी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |