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गीता  : स्त्री० [सं० गीत+टाप्] १. ऐसी छंदोबद्ध कथा या वृत्तान्त जो लोगों के गाने के लिए प्रस्तुत किया गया हो। २. किसी का दिया हुआ छन्दोबद्ध और ज्ञानमय उपदेश। जैसे–रामगीता, शिवगीता आदि। ३. तारीफ। प्रशंसा। उदाहरण–एक रस रूप जाकी गीता सुनियत।–केशव। ४. भगवद्गीता। ५. संकीर्ण राग का एक भेद। ६. छब्बीस मात्राओं का एक छंद जिसमें १४ और १२ मात्राओं का विराम होता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गीतातीत  : वि० [सं० गीत-अतीत, द्वि० त० ] १. जो गाया न जा सके। २. जिसका वर्णन न हो सके। अकथनीय। अनिवर्चनीय।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गीतायन  : पुं० [सं० गीत-अयन, ष० त० ] गीत के साधन वीणा मृदंग आदि।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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