शब्द का अर्थ
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गुहा :
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स्त्री० [सं० गुह+टाप्] १. गुफा। कंदरा। २. जानवरों के रहने की माँद। चुर। ३. चोरों डाकुओं के छिपकर रहने की जगह। ४. अंतःकरण। हृदय। ५. बुद्धि। ६. शालपर्णी। ७. वह कल्पित मूल स्थान जहाँ से सारी सृष्टि का उदभव तथा विकास माना गया है। उदाहरण–किस गहन गुहा से अति अधीर।–प्रसाद। |
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समानार्थी शब्द-
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गुहा-मानव :
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पुं० [सं० मध्य० स०] इतिहास पूर्व काल के वे मनुष्य जो पाषाण युग में पर्वतों आदि की कदंराओं में रहते थे। (केव-मैन)। |
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गुहाई :
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स्त्री० [हिं० गुहना] गुहने (गूँथने) की क्रिया, भाव या मजदूरी। |
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गुहाचर :
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पुं० [सं० गुहाचर् (गति)+ट] ब्रह्य।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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गुहाँजनी :
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स्त्री० [सं० गुह्य-अंजन] आँख की पलक पर होनेवाली फुँसी। बिलनी। अंजनहारी। |
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गुहाना :
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स० गुहवाना। |
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गुहार :
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स्त्री० गोहार। |
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गुहारना :
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स० [हिं० गुहार] रक्षा या सहायता के लिए पुकार मचाना। उदाहरण–दीन प्रजा दुःख पाइ आई नृप-द्वार गुहारति।–रत्नाकर। |
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गुहाल :
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स्त्री०==गोशाला। |
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गुहाशय :
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पुं० [सं०√ गुहाशी(सोना)+अच्] १. बिल या माँद में रहनेवाला जंतु। २. परमात्मा। |
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