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शब्द का अर्थ
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घुसना :
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अ० [सं० गुध, पं० घुसणा, गु० घुसबूँ, ने० घुस्नु, मरा० घुसणें] १. बलपूर्वक और सामने के निषेधक अथवा बाधक तत्त्वों को इधर-उधर हटाते हुए अन्दर जाना, प्रवेश करना या आगे बढ़ना। जैसे–(क) दरवाजा तोड़कर (अथवा और किसी प्रकार) किसी के मकान के अन्दर घुसना। (ख) तमाशा देखने के लिए धक्कम-धक्का करते हुए भीड़ में घुसना। (ग) पेट में तलवार या तीर घुसना। क्रि० प्र०-आना।–जाना।–पड़ना।–बैठना। पद-घुस-पैठ। (देखें)। मुहावरा–(किसी जगह) घुसकर बैठना= (क) आस-पास के लोगों को दबाते या हटाते हुए कहीं जाकर बैठना। (ख) लोगों की दृष्टि से बचने के लिए आड़ में छिपकर बैठना। जैसे–सिपाहियों का नाम सुनते ही वह घर में घुसकर बैठ गया। २. अनावश्यक अथवा अनुचित रूप से परंतु बलपूर्वक या हठात् किसी कार्य या चर्चा में सम्मिलित होना। जबरदस्ती किसी के बीच में पड़ना। जैसे–दूसरों की बातों में जबरदस्ती घुसने की आदत अच्छी नहीं है। ३. किसी बात या विषय की पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए मनोनिवेशकपूर्वक उसके अंगों-उपांगों आदि का अध्ययन या विचार करके उसकी तह तक पहुँचना। जैसे–किसी विषय में अच्छी तरह घुसे बिना कभी उसका पूरा ज्ञान नहीं होता। ४. किसी चीज या बात का इस प्रकार पूरी तरह से दबना या दूर होना कि सहसा वह दिखाई न दो। जैसे–मुकदमें की पहली पेशी में ही उनकी सारी अकड़ और शेखी घुस गई। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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