शब्द का अर्थ
|
जिद :
|
स्त्री० [अ० जिद] [वि० जिद्दी] १. अपनी बात किसी से पूरी कराने के लिए उस पर अड़े रहने और दूसरे की बात न मानने की अवस्था या भाव। हठ। २. अनुचित रूप से किसी के लिए किया जानेवाला आग्रह या हठ। दुराग्रह। क्रि० प्र०–करना।–चढ़ना।–पकड़ना।–बाँधना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जिदियाना :
|
अ० [हिं० जिद] जिद करना। स० किसी को जिद करने में प्रवृत्त करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जिद्द :
|
स्त्री०=जिद।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जिद्दन् :
|
क्रि० वि० [अ०] जिद अर्थात् दुराग्रह या हठ करते हुए। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जिद्दी :
|
वि० [फा०] वह जो बहुत अधिक जिद (दुराग्रह या हठ) करता हो और दूसरों की बात न मानता हो। दुराग्रही। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |