लोगों की राय

शब्द का अर्थ खोजें

शब्द का अर्थ

नाच  : पुं० [सं० नृत्य, प्रा० नच्च या नाच्च] १. नाचने की क्रिया जो संगीत का एक प्रसिद्ध अंग है और जिसमें अनेक प्रकार के हावभाव कलात्मक ढंग से प्रदर्शित करने के लिए पैर थिरकाते हुए शरीर के भिन्न-भिन्न अंग आकर्षक तथा मनोहर रूप से और ताल-लय आदि से युक्त रखकर संचालित किये जाते हैं। (दे० ‘नाचना’)। विशेष–नाच का आरम्भ मुख्यतः अपने मन का उल्लास और निश्चिंतापूर्ण प्रसन्नता प्रकट करने के प्रसंग में हुआ था; और अब तक जंगली था अर्द्धसभ्य जातियों के लोग तथा अनेक पशु-पक्षी इसी प्रकार नाचते हैं; पर बाद में जब इसका कला-पक्ष विशेष विकसित हुआ, तब दूसरों के मनोरंजन के लिए भी लोग नाच दिखाने लगे और कुछ पशुओं को अपने ढंग पर नाच सिखाने लगे। मुहा०–नाच काछना=नाचने के लिए तैयार होना। २. लाक्षणिक रूप में अनेक प्रकार के कौतुकों से युक्त कुछ विलक्षण प्रकार की होनेवाली क्रियाएँ और गतियाँ। मुहा०–(किसी को) तरह-तरह के नाच नचाना=मनमाने ढंग से किसी को अनेक प्रकार के ऐसे असंगत और विलक्षण कार्य में प्रवृत्त करना, जिससे वह तंग, दुःखी या परेशान हो। ३. किसी प्रकार की कौतुकपूर्ण क्रिया या गति, जो देखने में क्रीड़ा या खेल की तरह जान पड़े। जैसे–वह बहुत तरह के नाच नाच चुका है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
नाच-कूद  : स्त्री० [हिं० नाच+कूद] १. रह-रहकर नाचने और कूदने की क्रिया या भाव। २. ऐसा कृत्य जो दूसरों की दृष्टि में तमाशे का-सा मनोरंजक और हास्यास्पद हो। ३. ऐसा बड़ा उद्योग या प्रयत्न जो अंत में प्रायः निरर्थक सिद्ध हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
नाच-घर  : पुं० [सं० नाच+घर] वह स्थान जहाँ नाचना-गाना आदि होता हो। नृत्यशाला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
नाच-महल  : पुं० नाचघर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
नाच-रंग  : पुं० [हिं० नाच+रंग] १. वह उत्सव या जलसा जिसमें नाचगाना हो। २. आमोद-प्रमोद।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
नाचना  : अ० [सं० नर्तन, हिं० नाच] १. उमंग में आकर और विशुद्ध हार्दिक प्रसन्नता प्रकट करने के लिए पैरों को थिरकाते हुए और अनेक प्रकार से शरीर के भिन्न-भिन्न अंग हिलाते हुए मनमाने ढंग से उछलना-कूदना। जैसे–सरदार को सकुशल लौटते देखकर सब भील नाचने लगे। मुहा०–नाच उठना=बहुत अधिक प्रसन्नता के आवेग में उछल पड़ना। जैसे–पिताजी के हाथ में खिलौने और मिठाइयाँ देखकर बच्चे नाच उठे। २. उक्त प्रकार के अंग-संचालन और शारीरिक गतियों का वह कलात्मक विकसित रूप, जो आज-कल शिक्षित और सभ्य समाजों में प्रचलित है, और जिसके साथ ताल और लय का मेल तथा गाना-बजाना भी सम्मिलित हो गया है। ३. किसी पदार्थ का बहुत-कुछ उसी प्रकार की चक्राकार गति में आना या होना, जैसे चक्राकार गति नाच के समय मनुष्य की होती है। जैसे–आतिशबाजी की चरखी या लट्टू का नाचना। ४. किसी वस्तु या व्यक्ति का रह-रहकर जल्दी-जल्दी इधर-उधर आना-जाना, हिलना-डुलना या किसी प्रकार की गति में होना। जैसे–(क) यह लड़का दिन भर इधर-उधर नाचता रहता है; कहीं स्थिर होकर नहीं बैठता। (ख) जब हवा चलती है, तब दीए की लौ नाचती रहती है। (ग) शिकारी का तीर नाचता हुआ सामने से निकल गया। मुहा०–(किसी अशुभ बात का) सिर पर नाचना=इतना पास आ पहुँचना कि तुरन्त कोई बुरा परिणाम दिखाई पड़ सकता हो। जैसे–(क) ऐसा जान पड़ता है कि उसके सिर पर मौत नाच रही है। (ख) अब तुम्हारा पाप तुम्हारे सिर पर नाचने लगा है। आँखों के सामने नाचना=उपस्थित या प्रस्तुत न होने पर भी रह-रहकर सामने आता या होता हुआ दिखाई देना। जैसे–वह भीषण दृश्य अब तक मेरी आँखों के सामने नाच रहा है। ५. किसी प्रकार के तीव्र मनोवेग के फलस्वरूप उग्र या विकट रूप से इधर-उधर होना। जैसे–क्रोध से नाच उठना। ६. अनेक प्रकार के ऐसे सांसारिक प्रपंचों और प्रयत्नों में लगे रहना जिनका कोई विशेष सुखद परिणाम न हो। उदा०–अब मैं नाच्यौं बहुत गोपाल।–सूर। ७. दूसरों के कहने पर चलना अथवा उनके इंगितों का अनुसरण करते चलना। जैसे–तुम जिस तरह नचाते हो, मैं उसी तरह नाचता हूँ।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
नाचिकेत  : पुं० [सं० नचिकेतस्+अण्] १. अग्नि। २. नचिकेता (ऋषि)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
नाचीन  : पुं० [सं०] १. एक प्राचीन देश। २. उक्त देश का निवासी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
लौटें            मुख पृष्ठ
 

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai