लोगों की राय
शब्द का अर्थ खोजें
शब्द का अर्थ
|
नींद :
|
स्त्री० [सं० निद्रा] १. प्राणियों की वह प्राकृतिक स्थिति जिसमें वे थोडे़-थोड़े समय पर और प्रायः नियमित रूप से अपनी बाह्य चेतना और ज्ञान से रहित होकर पड़े रहते हैं और जिसमें उनके मन मस्तिष्क तथा शरीर को पूर्ण विश्राम मिलता है। जागते रहने के विपरीत की अर्थात् सोने की अवस्था, क्रिया या भाव। क्रि० प्र०-आना।–टूटना।–लगना। मुहा०–नींद उचटना या उचाट होना=किसी विघ्न या बाधा के कारण नींद में भंग पड़ना। नींद करना=(क) सोना। (ख) उदासीन, निश्चित या लापरवाह होना। उदा०–संतों जागत नींद न कीजै।–कबीर। नींद खुलना या टूटना=ठीक समय पर नींद पूरी हो जाने पर उसका अंत होना। नींद पड़ना=कष्ट, चिंता आदि की दशा में किसी प्रकार नींद आना। नींद भर सोना=जितनी इच्छा हो उतना सोना। नींद सचरना=नींद आना। नींद हराम होना=ऐसे कष्ट या चिंता की स्थिति में होना कि नींद बिलकुल न आवे या बहुत कम आवे। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
नींदड़ा (ड़ी) :
|
स्त्री०=नींद। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
नींदना :
|
अ०=सोना (नींद लेना)। स०=निराना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
नींदर :
|
स्त्री०=नींद। (पश्चिम)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
नींदाला :
|
वि० [सं० निद्रालु] [स्त्री० नींदाली] १. जिसे नींद आ रही हो। २. सोया हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
|
|
|
|
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined index: mxx
Filename: partials/footer.php
Line Number: 7
hellothai