शब्द का अर्थ
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परब :
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स्त्री० [हिं० पोर] १. पोर। २. जवाहिर या रत्न का छोटा टुकड़ा। पुं०=पर्व। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परबंचकता :
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स्त्री०=प्रवंचकता।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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परबत :
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पुं० [सं० पर्वत] १. पर्वत। पहाड़। २. पहाड़ पर बना हुआ किला या दुर्ग। ३. किला। दुर्ग। उदा०—परबत कहँ जो चला परबता।—जायसी। ४. दे० ‘परबत्ता’। ५. दे० ‘पर्वत’।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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परबता :
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पुं०=परबत्ता। उदा०—कहुँ परबते जो गुन तोहिं पाहाँ।—जायसी। |
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समानार्थी शब्द-
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परबतिया :
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वि० [हिं० परबत+इया (प्रत्य०)] पर्वत संबंधी। पर्वत पर होनेवाला। पहाड़ी। स्त्री० पूर्वी नेपाल की बोलियों का वर्ग। |
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परबत्ता :
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पुं० [सं० पर्वत] पहाड़ी तोता जो साधारण देशी तोते से बड़ा होता है। करमेल। |
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परबंद :
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पुं० [सं० पटबंध] नाच की एक गति जिसमें नाचने वाला एड़ियों के बल पैर खड़े करके खड़ा रहता है और उसकी दोनों कोहनियाँ कमर से सटी रहती हैं। |
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परबंध :
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पुं०=प्रबंध।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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परबल :
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पुं०=प्रबल।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं०=परवल। |
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समानार्थी शब्द-
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परबस :
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वि० [भाव० परबसताई]=परवश। |
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परबाल :
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पुं० [हिं० पर=दूसरा+बाल=रोयाँ] आँख की पलक पर निकलनेवाला बाल या बिरनी जिसके कारण बहुत पीड़ा होती है। पुं०=प्रवाल।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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परबी :
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स्त्री० [सं० पर्व] १. पर्व का दिन। २. पर्व का समय। पुण्यकाल। |
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परबीन :
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वि० [भाव० परबीनता]=प्रवीण।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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परबेस :
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पुं०=प्रवेश।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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परबोध :
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पुं०=प्रबोध।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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परबोधना :
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स० [सं० प्रबोधन] १. प्रबोधन करना। २. जगाना। अच्छी तरह समझना-बूझना। ४. ज्ञान प्राप्त कराना। ५. तसल्ली या दिलासा देना। धैर्य या सान्त्वना देना। |
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