शब्द का अर्थ
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बगली :
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वि० [हिं० बगल+ई (प्रत्यय)] १. बगल से संबंध रखनेवाला। बगल का। पद—बगली घूँसा (देखें)। २. एक ओर का। स्त्री० १. ऊँटों का एक दोष जिसमें चलते समय उनकी जाँघ की रगपेट में लगती है। २. मुग्दर चलाने का एक ढंग। ३. वह थैली जिसमें दरजी सूई-तागा आदि रखते हैं। तिलेदानी। ४. दरवाजे की बगल में लगायी जानेवाली सेंध। क्रि० प्र०—काटना।—मारना। ५. अँगरखे की आस्तीन में लगाया जानेवाला कपड़े का वह टुकड़ा जो बगल के नीचे पड़ता है। बगल। स्त्री० [हिं० बगला] १. मादा बगुला। २. बगुले की जाति की एक छोटी चिड़िया जो ढीठ होने के कारण मनुष्यों के इतने पास आ जाती है कि लोग इसे ‘अंधी बगली’ भी कहते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
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बगली घूँसा :
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पुं० [हिं०] १. वह घूँसा जो किसी की बगल में अथवा किसी की बगल छिपकर किया जाय। २. वह वार जो आड़ में रहकर अथवा छिपकर किया जाय। ३. वह वार जो साथी बनकर या साथी होने का ढोंग रचकर किया जाय। ४. वह व्यक्ति जो धोखे से उक्त प्रकार का वार करता हो। |
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बगली टाँग :
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स्त्री० [हिं० बगली+टाँग] कुश्ती का एक पेंच। |
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बगली बाँह :
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स्त्री० [हिं० बगली+बाँह] एक प्रकार की कसरत जिसमें दो आदमी बराबर खड़े होकर अपनी बाँह से एक-दूसरे की बाँह में धक्का देते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
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