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शब्द का अर्थ
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बृहदारण्यक :
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पुं० [सं० कर्म० स०] एक प्रसिद्ध उपनिषद् जो दस मुख्य उपनिषदों के अन्तर्गत है। यह शतपथ ब्राह्यण के मुख्य उपनिषदों, में से और उसके अंतिम ६ अध्यायों या ५ प्रपाठकों में है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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