शब्द का अर्थ
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					मरू					 :
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					वि० [सं० मेरु या हिं० मरना] मुश्किल। कठिन। पद—मरुकर (करि)=अनेक प्रकार के उपाय करके और बहुत कठिनता से। उदा०—ता कहँ तौ अब लौं बहराई कै राखी स्वगइ मरु करि मैं हैं।—केशव। स्त्री० [सं० मूर्च्छना] संगीत में एक ग्राम से दूसरे ग्राम तक जाने में सातों स्वरों का आरोह अवरोह करना। दे० ‘मूर्च्छना’।				 | 
			
			
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					मरूक					 :
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					पुं० [सं०√मृ (मरना)+ऊक्] १. एक प्रकार का मृग। २. मयूर। मोर।				 | 
			
			
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					मरूरा					 :
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					पुं०=मरोड़ा। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					मरूल					 :
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					पुं० [सं० मुर्व] गोरचकरा। मरूर।				 | 
			
			
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