शब्द का अर्थ
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					मसन					 :
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					पुं० [सं०] १. तौल। २. माप। ३. औषधि। ४. चोट० पुं० [देश] एक प्रकार का टकुआ जिससे ऊन के कई तागे एक साथ मिलाकर बँटे जाते हैं।				 | 
			
			
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					मसनद					 :
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					स्त्री० [अ० मस्नद] १. एक प्रकार का गोल, लंबोतरा तथा बड़ा तकिया। गाव-तकिया। २. वह स्थान जहाँ उक्त प्रकार का तकिया रखा रहता है। ३. अमीरों और बड़े आदमियों के बैठने की गद्दी।				 | 
			
			
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					मसनद-नशीन					 :
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					पुं० [अ० मसनद+फा० नशीं] १. मसनद पर बैठनेवाला अर्थात् अमीर, रईस या राजा। २. तख्तनशीं। सिंहासनासीन।				 | 
			
			
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					मसनवी					 :
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					स्त्री० [अ० मस्नवी] उर्दू साहित्य में वह कविता जिसमें कई शेर होते हैं। इन शेरों में अंत्यानुप्रास नहीं होता।				 | 
			
			
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					मसना					 :
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					स० [हिं० मसलना] १. मसलना। २. गूँधना।				 | 
			
			
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					मसनूई					 :
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					वि० [अ० मस्नुई] १. कृत्रिम। बनावटी। २. अप्राकृतिक। ३. मिथ्या।				 | 
			
			
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