शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					माँद					 :
				 | 
				
					वि० [सं० मंद] १. जो उदास या फीका पड़ गया हो। जिसका रंग उतर गया या हलका पड़ा गया हो। मलिन। २. फीका। श्री-हीन। ३. किसी की तुलना में घटकर या हलका। क्रि० प्र०—पड़ना। ४. दबा या हारा हुआ। पराजित। मात। स्त्री० [देश] १. गोबर का ढेर जो सूख गया हो और जलाने के काम में आता हो। २. जंगलों पहाड़ों आदि में सुरंग की तरह की कोई ऐसी प्राकृतिक स्थान जिसमें कोई हिंसक पशु रहता हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					माँदगी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [पा०] १. माँदा होने की अवस्था या भाव। १. बीमारी। रोग। ३. थकावट।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					माँदर					 :
				 | 
				
					पुं० =मर्दल (बाजा)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					माँदा					 :
				 | 
				
					वि० [फा० मांदः] १. बीमार। रोग आदि से ग्रस्त। पद—थका-मांदा। २. छोड़ा हुआ। बचा हुआ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मांदार					 :
				 | 
				
					वि० [सं० मंदार+अण्] मंदार (मदार) संबंधी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मांद्य					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मंद+ष्यञ्] १. मंद होने की अवस्था या भाव। मंदता जैसे—अग्नि मांद्य। २. दुर्बलता। ३. कमी। न्यूनता। ४. बीमारी। रोग। ५. मूर्खता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |