शब्द का अर्थ
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					मीना					 :
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					स्त्री० [सं० मीन+टाप्] ऊषा की कन्या जिसका विवाह कश्यप से हुआ था। पुं० [देश] राजपूताने की एक प्रसिद्ध योद्धा जाति। पुं० [फा०] १. रंग-बिरंगा शीशा। २. शीशे का एक विशिष्ट प्रकार का पात्र जो सुराही की तरह का होता था और जिसमें शराब रखी जाती थी। ३. नीले रंग का एक प्रकार का बहुमूल्य पत्थर। ४. सोने-चाँदी आदि पर किया जानेवाला एक प्रकार का रंग-बिरंगा काम जो कड़ा तथा चमकीला होता है। पद—मीराकार, मीनाकारी। ५. कीमिया।				 | 
			
			
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					मीना-बाजार					 :
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					पुं० [फा०] १. वह बाजार जिसमें केवल स्त्रियाँ क्रय-विक्रय करती थीं। (अकबर द्वारा प्रचलित)। २. सुन्दर चीजों का बाजार। ३. जौहरी बाजार।				 | 
			
			
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					मीनाकार					 :
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					पुं० [फा०] [भाव० मीनाकारी] सोने-चाँदी पर मीने का रंग-बिंरगा काम करनेवाला कागीगर।				 | 
			
			
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					मीनाकारी					 :
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					स्त्री० [फा०] १. सोने या चाँदी पर होनेवाला मीने का रंगीन काम। २. इस प्रकार किया हुआ काम। मीना। ३. किसी काम में निकाली या की हुई बहुत बड़ी बारीकी।				 | 
			
			
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					मीनाक्ष					 :
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					वि० [सं० मीन-अक्षि, ब० स०+षच्] [स्त्री० मीनाक्षी] जिसकी आँखें मछली की तरह लम्बोतरी तथा सुन्दर हों।				 | 
			
			
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					मीनाक्षी					 :
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					स्त्री० [सं० मीनाक्ष+ङीष्] १. कुबेर की कन्या का नाम। २. गाडर दूब। ३. ब्राह्मी बूटी। ४. चीनी। वि० स्त्री० जिसकी आँखें मछली के आकार की और बहुत सुन्दर हों।				 | 
			
			
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					मीनांडी					 :
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					स्त्री० [सं० मीन-अंड, ष० त०,+ङीष्] एक प्रकार की शक्कर।				 | 
			
			
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					मीनार					 :
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					स्त्री० [अ० मनार] बहुत ऊँची वास्तु-रचना जो स्तम्भ के रूप में होती है। लाट।				 | 
			
			
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					मीनारा					 :
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					पुं० =मीनार। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					मीनालय					 :
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					पुं० [सं० मीन-आलय, ष० त०] समुद्र।				 | 
			
			
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					मीनाशय					 :
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					पुं० [सं० मीन-आशय, ष० त०] मीन-क्षेत्र।				 | 
			
			
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