शब्द का अर्थ
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					मुर					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√मर् (लपेटना)+क] १. वेष्टन। बेठन। २. एक दैत्य जिसका वध श्रीकृष्ण ने किया था। अव्य० [हिं० मुड़ना=लौटना] दोबारा। फिर। पुं० =मुंड़। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुर-रिपु					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त०] मुरारि।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुर-वैरी (रिन्)					 :
				 | 
				
					पुं० =मुरारि।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुर-सुत					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त०] मुर राक्षस का पुत्र, वत्सासुर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरई					 :
				 | 
				
					स्त्री०=मूली। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरक					 :
				 | 
				
					स्त्री०=मड़क।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरकना					 :
				 | 
				
					अ० स०=मुड़कना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरका					 :
				 | 
				
					पुं० [देश] १. बड़े डील-डौलवाला वह हाथी जिसके बड़े-बड़े तथा सुन्दर दाँत हों। २. गड़ेरियों की बिरादरी का भोज। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरकाना					 :
				 | 
				
					स०=मुड़काना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरकी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० मुरकना=घूमना] १. कान में पहनने की छोटी बाली। २. संगीत में एक विशेष प्रकार से एक स्वर से घूमकर दूसरे स्वर पर आने की क्रिया।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरकुल					 :
				 | 
				
					स्त्री० [देश] एक तरह की लता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरखाई					 :
				 | 
				
					स्त्री०=मूर्खता। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरगा					 :
				 | 
				
					पुं० [फा० मुर्ग] [स्त्री० मुरगी] १. एक प्रसिद्ध नर पक्षी जिसके सिर पर कलंगी होती है और जो प्रायः प्रभात के समय कुकड़ूँ-कूँ बोलता है। २. चिड़िया। पक्षी। स्त्री०=मूर्वा। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरगाबी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [फा० मुर्ग़ाबी] मुरग़े की जाति का एक पक्षी जो जल में तैरता और मछलियाँ पकड़ कर खाता है। जल-कुक्कुट। जल मुरगा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरगी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० मुरगा का स्त्री०] मादा मुर्ग। मुरगे की मादा। पद—मुरगी का=एक प्रकार की गाली। जिसका अर्थ होता है—मुरगी की सन्तान। जैसे—आप खाता है गोश्त मुरगी का, मुझको देता है दाल अरहर की।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरचंग					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० मुँहचंग] मुँह से फूँककर बजाया जानेवाला एक तरह का पुरानी चाल का लोहे का बाजा। मुँहचंग। मुहावरा—मुरचंग झाड़ना=निश्चित भाव से बैठकर व्यर्थ इधर-उधर की बातें करना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरचा					 :
				 | 
				
					पुं० =मोरचा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरची					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] पश्चिम दिशा का एक प्राचीन देश।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरछना					 :
				 | 
				
					अ० [सं० मूर्च्छन] १. मूर्च्छित अर्थात् अचेत या बेसुध होना। २. शिथिल होना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरछल					 :
				 | 
				
					पुं० =मोरछल। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरछा					 :
				 | 
				
					स्त्री०=मूर्च्छा। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरछाना					 :
				 | 
				
					अ० [सं० मूर्च्छा] मूर्च्छित या अचेत होना। बेहोश होना। स० मूर्च्छित या अचेत करना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरछावंत					 :
				 | 
				
					वि० =मूर्च्छित।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरछित					 :
				 | 
				
					वि० =मूर्च्छित।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरज					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मुर√जन् (उत्पत्ति)+ड] मृदंग। पखावज।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरज-फल					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] कटहल।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरजित्					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मुर√जि (जीतना)+क्विप्, तुक्] मुरारि।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरझाना					 :
				 | 
				
					अ० [सं० मूर्च्छन] १. हरे डंठलों, पत्तों, फूलों वृक्षों आदि का जल न मिलने अथवा और किसी कारण से सूखने लगना। कुम्हलाना। २. (चेहरा या मन) उदास या सुस्त होना। कांति, श्री आदि से रहित या हीन होना। ३. शिथिल तथा शक्तिहीन होना। संयो० क्रि०—जाना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरड़					 :
				 | 
				
					पुं० [डिं०] गर्व। अभिमान। अहंकार।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरड़की					 :
				 | 
				
					स्त्री०=मरोड़। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरंडा					 :
				 | 
				
					पुं० [पं० मुरुंडा] भूने हुए गेहूँ में गुड़ मिलाकर बनाया हुआ लड्डू। मुहावरा—मुरंडा करना या बनाना=(क) भूनना। (ख) गठरी सा बना देना। (ग) बहुत मारना-पीटना। वि० १. बहुत सूखा हुआ। २. बहुत दुबला-पतला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरतकिब					 :
				 | 
				
					पुं० [अ० मुर्तकिब] अपराध या दोष करनेवाला। अपराधी। दोषी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरतंगा					 :
				 | 
				
					पुं० [देश] एक प्रकार का ऊँचा पेड़ जिसके हीर की लकड़ी बहुत सख्त होती है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरतहिन					 :
				 | 
				
					पुं० [अ० मुर्तहिन] जिसके पास कोई वस्तु रेहन या गिरों रखी गई हों। रेहनदार।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरता					 :
				 | 
				
					पुं० [देश] एक तरह का झाड़।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरतिद					 :
				 | 
				
					पुं० [अ०] (मुसलमान) जो इस्लामी धर्म छोड़कर काफिर हो गया हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरत्तब					 :
				 | 
				
					वि० [अ०] १. तरतीब अर्थात् क्रम से लगाया हुआ। क्रमबद्ध। २. तैयार किया या बनाया हुआ। प्रस्तुत किया हुआ। संपादित। ३. तर किया हुआ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरदनी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [फा० मुर्दनी] १. किसी के मुख पर दिखाई देनेवाले वे चिन्ह या विकार जो मृत्यु के सूचक माने जाते हों। मुहावरा—चेहरे पर मुरदनी छाना या फिरना= (क) मुख पर मृत्यु के चिन्ह प्रकट होना। (ख) चेहरे का उदास या श्री-हीन हो जाना। २. शव के साथ उसकी अंत्येष्टि क्रिया के लिए जाना। मुरदे के साथ उसके गाड़ने या जलाने के स्थान तक जाना। ३. मृतक की अत्येष्टिक्रिया के लिए जानेवालों का समूह। क्रि० प्र०—में जाना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरंदा					 :
				 | 
				
					पुं० =मुरंडा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरदा					 :
				 | 
				
					पुं० [फा० मुर्दः] मृत प्राणी। शव। पद—मूरदे का माल=ऐसा माल जिसका कोई वारिश न हो। वि० १. मरा हुआ। मृत। २. इतना अधिक दुर्बल या शक्तिहीन कि मरे हुए के समान जान पड़े। ३. बहुत ही कुम्हलाया, मुरझाया या सूखा हुआ। जैसे—मुरदा पान, मुरदा फल। मुहावरा—(किसी का) मुरदा उठना=मर जाना (गाली)। जैसे—उसका मुरदा उठे। मुरदा उठाना=शव को अंत्येष्टि क्रिया के लिए ले जाना। मुरदों से शर्त बाँधकर सोना=बहुत अधिक और गहरी नींद में सोना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरदा-घर					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं०] वह स्थान जहाँ मृतक व्यक्तियों के शव तक रखे जाते हैं, जब तक उन्हें गाड़ने या जलाने की व्यवस्था न हो। (मॉर्टुअरी) विशेष—ऐसे स्थान प्रायः युद्ध-क्षेत्रों में अस्थायी रूप से नियत किये जाते हैं।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरदा-दिल					 :
				 | 
				
					वि० [हिं०+फा०] [भाव० मुरदादिली] जिसमें कुछ भी उत्साह या उमंग न रह गयी हो। बहुत ही खिन्न तथा हतोत्साह।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरदार					 :
				 | 
				
					वि० [फा० मुर्दार] [भाव० मुरदारी] १. जो अपनी मौत से मरा हो। २. मृत। ३. अपवित्र। ४. दुर्बल। पुं० वह पशु जो अपनी मौत से मरा हो। (ऐसे पशु का मांस खाना धार्मिक दृष्टि से वर्जित है।)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरदारी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [फा०] मुरदार होने की अवस्था या भाव।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरदावली					 :
				 | 
				
					वि० [हिं० मुर्दा] १. मृतक के संबंध का। मुरदे का। २. बहुत ही तुच्छ या निम्न कोटि का। रद्दी। स्त्री०=मुर्दनी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरदासंख					 :
				 | 
				
					पुं० [फा० मुर्दासंग] फूँके हुए सीसे और सिंदूर का मिश्रण जो औषध के रूप में व्यवहृत होता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरदासन					 :
				 | 
				
					पुं०=मुरदासंख(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरदासिंघी					 :
				 | 
				
					स्त्री०=मुरदासंख। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरधर					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मरुधरा] मारवाड़ देश का प्राचीन नाम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरना					 :
				 | 
				
					अ०=मुड़ना। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरबेस					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मुद-वयस्] युवाकाल। जवानी। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरब्बा					 :
				 | 
				
					पुं० [अ०] कच्चे फल। (जैसे—आँवले, आम, बेल, सेब आदि) को चीनी की चाशनी में पकाने पर तैयार होनेवाला पाक। क्रि० प्र०—डालना।—पड़ना।—बनना।—बनाना। पुं० [अ० मुरब्बअ] १. समकोणीय समचतुर्भुज। वर्गाकार। २. किसी अंक को उसी अंक से गुणन करने पर प्राप्त होनेवाला फल। वि० १. चौकोर। २. चारों ओर सब ओर से एक ही नाप का। जैसे—दस मुरब्बा फुट।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरब्बी					 :
				 | 
				
					पुं० [अ०] १. पालन और रक्षण करनेवाला। पालक और रक्षक। अभिभावक। २. मददगार। सहायक। ३. मित्र और स्नेही।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरमर्दन					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मुर√मुद् (मर्दन करना)+ल्यु-अन] मुर को मारनेवाले विष्णु या श्रीकृष्ण।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरमुरा					 :
				 | 
				
					पुं० [अनु०] १. एक प्रकार का भुना हुआ चावल जो अन्दर से पोला होता है। फरवी। लाई। २. मकई के भुने हुए दाने। वि० मुरमुर शब्द करनेवाला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरमुराना					 :
				 | 
				
					अ० [मुरमुर से अनु०] १. ऐंठन खाकर टूट जाना। चुरमुर हो जाना। २. मुरमुर शब्द करते हुए टूटना। स० १. चुरमुर करना। २. मुरमुर शब्द करते हुए तोड़ना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुररिया					 :
				 | 
				
					स्त्री०=मुर्री। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरल					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मुर√ला (लेना)+क] १. चमड़े का एक पुरानी चाल का बाजा। २. एक प्रकार की मछली।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरला					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मुरल+टाप्] १. नर्मदा नदी। २. केरल देश की काली नाम की नदी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरलिका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मुरली+कन्+टाप्, ह्रस्व] मुरली। वंशी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरलिया					 :
				 | 
				
					स्त्री०=मुरली (वंशी)। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरली					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मुरल+ङीप] मुँह से फूँककर बजाया जानेवाला बाँस आदि की पोर का बना हुआ बाजा। बाँसुरी। पुं० आसाम में होनेवाला एक प्रकार का चावल।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरली-धर					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त०] श्रीकृष्ण जो बाल्यावस्था में प्रायः मुरली बजाते थे।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरली-मनोहर					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० सुप्सुपा सं०] श्रीकृष्ण।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरलीवाला					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मुरली+हिं० वाला (प्रत्यय)] श्रीकृष्ण।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरवा					 :
				 | 
				
					पुं० [देश] १. एड़ी के ऊपर की हड्डी जो कुछ उभरी हुई होती है। २. उक्त हड्डी के चारों ओर का स्थान जो कुछ उभरा हुआ तथा गोलाकार होता है। पुं० =मोर। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरवी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० मौवी] १. मूर्वा घास की बनी हुई मेखला जिसे क्षत्री धारण करते थे। २. धनुष की डोरी। चिल्ला। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरव्वत					 :
				 | 
				
					स्त्री=मुरौवत।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरशिद					 :
				 | 
				
					पुं० [अ० मुर्शिद] १. गुरु। पथ-प्रदर्शक। पीर। २. धूर्त आदमी (व्यंग्य)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरसिल					 :
				 | 
				
					पुं० [अ० मुर्सिल] भेजनेवाला। प्रेषक।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरस्सा					 :
				 | 
				
					वि० [अ० मुरस्सआ] रत्न-जटित। जड़ाऊ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरस्साकार					 :
				 | 
				
					पुं० [अ० मुरस्सआ+फा० कार] [भाव० मुरस्साकारी] रत्न-जटित आभूषण बनानेवाला। जड़िया। वि० रत्नों से जड़ा हुआ। जड़ाऊ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरस्साकारी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [अ० मुरस्सअः+फा० कारी] १. गहनों में नग आदि जड़ने का काम। २. उक्त प्रकार के काम का पारिश्रमिक।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरहन					 :
				 | 
				
					स्त्री० [?] १. एक प्रकार की सुरती (पौधा) जिसकी पत्तियाँ अच्छी समझी जाती है। २. सुरती की पिसी हुई पत्तियाँ। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरहा					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मुर√हन् (मारना)+क्विप्] वह जिसने मुर का वध किया हो। मुरारि। वि० [सं० मूल+हिं० हा (प्रत्यय)] १. जिसका जन्म मूल नक्षत्र में हुआ हो। विशेष—ज्योतिष के अनुसार ऐसा बालक माता-पिता के लिए घातक होता है। २. अनाथ। ३. उपद्रवी। नटखट। पुं० [हिं० मुराना] वह जो चलते हुए कोल्हू में गँड़ेरियाँ डालता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरहारी (रिन्)					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मुर√हृ (हरण करना)+णिनि] मुरहा। मुरारि।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०√मुर्+क+टाप्] १. एक गंध द्रव्य। मुरामांसी। २. वह नाइन जिसके गर्भ से महानंद के पुत्र चंद्रगुप्त का जन्म हुआ था। (कथासरित सागर)।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मुराड़ा					 :
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					पुं० [देश०] ऐसी लकड़ी जिसका एक सिरा जल रहा हो। लुआठा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मुराद					 :
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					स्त्री० [अ०] १. बहुत दिनों से मन में बनी रहनेवाली अभिलाषा। पद—मुराद के दिन=यौवन काल, जिसमें मन में अनेक प्रकार की इच्छाएँ उमंगें और कामनाएँ रहती हैं। क्रि० प्र०—पूरी होना।—बर आना। मुहावरा—मुराद पाना=मन की चाही हुई चीज पाना। (ख) मन की चाही हुई बात पूरी होना। (ईश्वर या देवता से) मुराद माँगना=मन की अभिलाषा पूरी होने की प्रार्थना करना। मुराद मिलना=मन की अभिलाषा पूरी होना। २. मन्नत। मनौती। मुहावरा—मुराद मानना=मनौती या मन्नत मानना। ३. अभिप्राय। आशय। मतलब।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					मुरादी					 :
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					वि० [अ०] मन में मुराद रखनेवाला। अभिलाषी।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					मुराना					 :
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					स० [अनु० मुरमुर=चबाने का शब्द] मुँह में कोई चीज डालकर उसे मुलायम करना। चुभलाना। स० १. =मुड़ाना। २. =मोड़ना। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					मुराफा					 :
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					पुं० [अ० मुराफ़अ] छोटी अदालत में मुकदमा हार जाने पर बड़ी अदालत में पुनर्विचार के लिए दिया जानेवाला प्रार्थना-पत्र।				 | 
			
			
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					मुरार					 :
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					पुं० [सं० मृणाल] कमल की जड़। कमलनाल। पुं० =मुरारी। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					मुरारि					 :
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					पुं० [सं० मुर-अरि, ष० त०] १. मुर राक्षस के शत्रु (क) विष्णु, (ख) श्रीकृष्ण। २. डगण के तीसरे भेद (।ऽ।) की संज्ञा (पिंगल)।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					मुरारी					 :
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					पुं० =मुरारि।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मुरासा					 :
				 | 
				
					पुं० [अ० मुरस्सा] कान में पहनने का एक तरह का रत्न-जटित फूल। तरकी। पुं० =मुँड़ासा। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मुरी					 :
				 | 
				
					स्त्री०=मूरि। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मुरीद					 :
				 | 
				
					पुं० [अ०] [भाव० मुरीदी] १. शिष्य। चेला। २. किसी विशेषतः धर्मगुरु के प्रति बहुत अधिक विश्वास और श्रद्धा रखनेवाला तथा उसका अनुयायी।				 | 
			
			
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					मुरीदी					 :
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					स्त्री० [अ०] मुरीद होने की अवस्था या भाव।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मुरु					 :
				 | 
				
					पुं० =मुर। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मुरुआ					 :
				 | 
				
					पुं० =मुरवा। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मुरुकुटिया					 :
				 | 
				
					वि० =मरकट। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मुरुख					 :
				 | 
				
					वि० =मूर्ख। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मुरुखाई					 :
				 | 
				
					स्त्री०=मूर्खता। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मुरुछना					 :
				 | 
				
					अ०=मुरछना (मूर्च्छित होना)। स्त्री०=मूर्च्छना। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मुरुझना					 :
				 | 
				
					अ०=मुरझाना। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मुरुंड					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] एक प्राचीन जाति जो अफगानिस्तान में बसती थी।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मुरुंडा					 :
				 | 
				
					पुं० [?] १. किसी चीज का ऐसा बड़ा गोल पिंड जो देखने में लड्डू की तरह हो। २. अच्छी तरह तोड़-मरोड़कर दिया जानेवाला गोलाकार रूप। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मुरेठा					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० मूँड़=सिर+एठा (प्रत्यय)] १. पगड़ी। साफा। २. दे० ‘मुरैठा’।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरेर					 :
				 | 
				
					स्त्री० १. =मरोड़। २. =मूँड़ेर। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरेरना					 :
				 | 
				
					स०=मरोड़ना। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरेरा					 :
				 | 
				
					पुं० १. =मुँडेरा। २. =मरोड़।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मुरैठा					 :
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					पुं० [हिं० मुरेठा] १. नाव की लंबाई में चारों ओर घूमी हुई गोट जो तीन चार इंच मोटे तख्तों से बनाई जाती है और गूढ़ा के ऊपर रहती हैं। २. दे० ‘मुरेठा’।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					मुरौअती					 :
				 | 
				
					वि० [हिं० मुरौअत] जिसके स्वभाव में मुरौअत हो। स्त्री०=मुरौअत।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरौवज					 :
				 | 
				
					वि० [अ० मुरव्वजः] प्रचलित। लागू।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरौवत					 :
				 | 
				
					स्त्री०=मुरौअत।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुरौ्अत					 :
				 | 
				
					स्त्री० [अ० मुरव्वत] १. ऐसा स्वाभाविक शील जिसके फल-स्वरूप किसी के साथ कोई कठोर रूखेपन का व्यवहार न किया जा सकता हो। लिहाज। क्रि० प्र०—तोड़ना। बरतना। २. भलमनसत। सज्जनता।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुर्ग					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मृग से फा०मुर्ग] मुरगा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुर्ग मुसल्लम					 :
				 | 
				
					पुं० [अ०] खाने के लिए समूचा भूना हुआ मुर्गा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुर्गकेश					 :
				 | 
				
					पुं० [फा० मुर्ग+सं० केश (चोटी)] १. मरसे की जाति का एक पौधा जिसमें मुरगे की चोटी के-से गहरे उन्नाबी रंग के चौड़े और बड़े फूल लगते हैं। जटाधारी। २. कराँकुल नामक पक्षी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुर्गखाना					 :
				 | 
				
					पुं० [फा०] मुरगों के रहने के लिए बनाया हुआ स्थान।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुर्गबाज					 :
				 | 
				
					पुं० [फा० मुर्गबाज़] [भाव० मुर्गबाजी] वह जो मुरगे लड़ाता हो। वह जिसे मुरगे पालने तथा लड़ाने में आनन्द आता हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुर्गबाजी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [फा० मुर्ग़बाज़ी] मुरगे लड़ाने का व्यसन या भाव।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुर्गाबी					 :
				 | 
				
					स्त्री०=मुरगाबी। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुर्चा					 :
				 | 
				
					पुं० =मोरचा। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुर्तकिब					 :
				 | 
				
					वि० =मुरतकिब।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुर्तजा					 :
				 | 
				
					वि० [अ० मुर्तज़ा] १. मनोवांछित। २. रोचक। पुं० हजरत अली की एक उपाधि।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुर्तहिन					 :
				 | 
				
					वि० =मुरतहिन।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुर्दनी					 :
				 | 
				
					स्त्री०=मुरदनी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुर्दा					 :
				 | 
				
					वि० पुं० =मुरदा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुर्दार					 :
				 | 
				
					वि० =मुरदार।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुर्दावली					 :
				 | 
				
					स्त्री०=मुरदावली।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुर्दासिंगी					 :
				 | 
				
					पुं० =मुरदासंख।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुर्मूर					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√मुर्+क, पृषो०सिद्धि] १. कामदेव। २. सूर्य के रथ के घोड़े। ३. भूसी की आग। तुषाग्नि।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुर्रा					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० मरोड़ या मुड़ना] १. मरोड़ फली (ओषधि) पेट में होनेवाली ऐंठन या मरोड़। ३. सिंघाड़े के आकार की एक प्रकार की आतिशबाजी। स्त्री० कुंडलाकार सींगोंवाली भैंस।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुर्री					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० मुड़ना या मरोड़ना] १. धागे, सूत आदि के दो सिरों को जोड़ने का एक प्रकार जिसमें उनमें गाँठ नहीं लगाई जाती बल्कि उन्हें मिलाकर मरोड़ भर दिया जाता है। २. कपड़ों आदि को मरोड़कर उनमें डाला जानेवाला बल। जैसे—धोती कमर पर मुर्री देकर पहनी जाती है। क्रि० प्र०—देना। मुहावरा—मुर्री देना= (क) कपड़ा फाड़ते समय उससे फटे हुए अंशों को दोनों ओर बराबर घुमाते या मोड़ते जाना जिसमें कपड़ा बिलकुल सीधा फटे। (बजाज) ३. कपड़े आदि को मरोड़कर बटी हुई बत्ती। जैसे—मुर्री का नैचा। ४. चिकन या कशीदे की एक प्रकार की उभारदार कढ़ाई जिसमें बटे हुए सूत का व्यवहार होता है स्त्री० [?] एक प्रकार का जंगली लकड़ी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुर्रीदार					 :
				 | 
				
					वि० [हिं० मुर्री+फा० दार (प्रत्यय)] जिसमें मुर्री पड़ी हो। ऐंठनदार।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मुर्शिद					 :
				 | 
				
					वि० पुं० =मुरशिद।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |