शब्द का अर्थ
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यज्ञ :
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पुं० [सं० यज्ञ+नङ्] १. बलिदान और उससे संबंद रखनेवाले धार्मिक कृत्य। २. उपासना, पूजा आदि से संबंध रखनेवाले कोई धार्मिक कृत्य। जैसे—पंच महायज्ञ। ३. वैदिक काल में प्राचीन भारतीय आर्यों का एक प्रसिद्ध धार्मिक कृत्य जो कुछ विशिष्ट उद्देश्यों की सिद्धि के लिए अथवा कुछ विशिष्ट अवसरों पर होता था, और जिसमें मुख्य रूप से हवन होता था, और मांगलिक प्रार्थनाएँ करके आचार्य से (जो उन दिनों ब्राह्मण कहलाता था) आशीर्वाद प्राप्त किये जाते थे। ऋतु। मख। याग। विशेष—आगे चलकर इन यज्ञों के सैकड़ों भेद और रूप हो गये थे, जिनके साथ अनेक प्रकार के विस्तृत कर्मकांडीय कृत्य भी संबंध हो गये थे इनके लिए बहुत बड़े-बड़े हवनकंड बनने लगे थे, और ये कई कई दिनों या महीने तक होने लगे थे। धनवान् या राजा-महाराजा जो बड़े-बड़े यज्ञ कराते थे, उनमें चार प्रधान ऋत्विज् होते थे। यथा—(क) होता जो प्रार्थनाएँ करके यज्ञ में भाग लेने के लिए देवताओं को आहूत करता था। (ख) उदगाता जो यज्ञ-कुंड में सोम की आहुति देने के समय साम-गान करता था। (ग) अध्वर्यु जो वैदिक मंत्रों का पाठ करता हुआ यज्ञ संबंधी अन्याय मुख्य कृत्य करता था और (घ) ब्रह्मा जो सबसे बड़ा पुरोहित होता था और जो सब प्रकार के विघ्नों से यज्ञ की रक्षा करता था। यज्ञों में अनेक प्रकार के पशुओं की बलि भी होती थी। पर आगे चलकर जब लोग बलिदानों की अधिकता से घबरा गये, तब इनका प्रचार धीरे-धीरे कम होता गया। आर्यों की ईरानी शाखा में इसी यज्ञ का कुछ परिवर्तन रूप ‘यश्न’ के नाम से प्रचलित था जिससे आज-कल का जश्न (या जश्न) शब्द बना है। ३. आधुनिक ग्राम्य समाज में कोई बड़ा धार्मिक कृत्य। जैसे—ब्राह्मण भोजन, यज्ञोपवीत, विवाह आदि। ४. किसी प्रकार का शुभ अनुष्ठान या काम (यौं० के अन्त में)। जैसे—वेदयज्ञ=वेदपाठ। ५. विष्णु का एक नाम। |
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यज्ञ-कर्ता :
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पुं० [सं० ष० त०] यज्ञ करनेवाला। याचक। यजमान। |
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यज्ञ-काल :
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पुं० [सं० ष० त०] १. यज्ञ करने का समय। २. यज्ञ करने के लिए उपयुक्त या निर्दिष्ट समय। ३. पूर्णमासी। |
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यज्ञ-कीलक :
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पुं० [सं० ष० त०] वह खूँटा जिससे बलि-पशु बाँधा जाता था। |
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यज्ञ-कुंड :
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पुं० [सं० ष० त०] १. हवन करने की वेदी या कुंड। |
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यज्ञ-कोप :
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पुं० [सं० ब० स०] १. वह जो यज्ञ से द्वेष करता हो। २. रावण की सेना का एक राक्षस। |
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यज्ञ-क्रिया :
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स्त्री० [सं० ष० त०] १. यज्ञ के काम। २. कर्मकांड। |
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यज्ञ-त्राता (त्) :
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वि० [सं० ष० त०] यज्ञ की रक्षा करनेवाला। पुं० विष्णु। |
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यज्ञ-दत्तक :
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पुं० [सं० तृ० त०+कन्] यज्ञ के फल के रूप में प्राप्त होनेवाला पुत्र। |
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यज्ञ-द्रुह् :
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पुं० [सं० यज्ञ√द्रुह+क्विप्, उप० स०] राक्षस। |
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यज्ञ-धर :
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पुं० [सं० ष० त०] विष्णु। |
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यज्ञ-नेमि :
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पुं० [सं० ष० त०] श्रीकृष्ण। |
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यज्ञ-पति :
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पुं० [ष० त०] १. विष्णु। २. यज्ञ करनेवाला। यजमान। |
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यज्ञ-पत्नी :
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स्त्री० [ष० त०] यज्ञ की स्त्री, दक्षिणा। |
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यज्ञ-पशु :
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पुं० [च०त०] १. वह पशु जो यज्ञ में बलि दिया जाने को हो। २. घोड़ा। ३. बकरा। |
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यज्ञ-पात्र :
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पुं० [ष० त०] काठ आदि के वे पात्र जिनसे हवन आदि किया जाता है। |
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यज्ञ-पुरुष :
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पुं० [ष० त०] विष्णु। |
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यज्ञ-फलद :
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पुं० [यद-फल, ष० त०√दा (देना)+क] यज्ञ का फल देनेवाला। विष्णु। |
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यज्ञ-भाग :
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पुं० [ष० त०] १. यज्ञ का अंश, जो देवताओं को दिया जाता है। २. इन्द्र आदि के वे देवता जिन्हें उक्त अंश या भाग मिलता है। |
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यज्ञ-भाजन :
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पुं० [ष० त०] यज्ञपात्र दे०। |
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यज्ञ-भूमि :
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स्त्री० [ष० त०] यज्ञ करने के लिए उद्दिष्ट या नियत स्थान। |
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यज्ञ-भूषण :
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पुं० [ष० त०] कुश। |
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यज्ञ-भोक्ता (क्तृ) :
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पुं० [ष० त०] विष्णु। |
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यज्ञ-मंडप :
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पुं० [ष० त०] यज्ञ करने के लिए बनाया हुआ मंडप। |
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यज्ञ-मंडल :
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पुं० [ष० त०] वह स्थान जो यज्ञ करने के लिए घेरा गया हो। |
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यज्ञ-मंदिर :
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पुं० [ष० त०] यज्ञशाला। |
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यज्ञ-यूप :
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पुं० [ष० त०] दे० ‘यज्ञ-कीलक’। |
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यज्ञ-योग्य :
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पुं० [स० त०] गूलर का पेड़। |
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यज्ञ-रस :
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पुं० [ष० त०] सोम। |
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यज्ञ-राज :
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पुं० [ष० त०] चंद्रमा। |
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यज्ञ-वराह :
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पुं० [मध्य० स०] विष्णु। |
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यज्ञ-वल्क :
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पुं० [सं०] एक प्राचीन ऋषि जो प्रसिद्ध याज्ञवल्क्य ऋषि के पिता थे। |
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यज्ञ-वल्ली :
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स्त्री० [ष० त०] सोमलता। |
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यज्ञ-वाह :
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पुं० [सं० यज्ञ√वह्+अण्, उप० स०] १. यज्ञ करनेवाला। याज्ञिक। २. कार्तिकेय का एक अनुचर। |
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यज्ञ-वाहन :
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पुं० [ष० त०] १. ब्राह्मण। २. विष्णु। ३. शिव। ४. यज्ञवाही। याज्ञिक। |
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यज्ञ-वीर्य :
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पुं० [ष० त०] विष्णु। |
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यज्ञ-वृक्ष :
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पुं० [ष० त०] १. वट-वृक्ष। २. विकंकत। |
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यज्ञ-शत्रु :
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पुं० [ष० त०] राक्षस। |
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यज्ञ-शाला :
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स्त्री० [ष० त०] यज्ञ करने का स्थान। यज्ञमंडप। |
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यज्ञ-शास्त्र :
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पुं० [मध्य० स०] वह शास्त्र जिसमें यज्ञों और उनके कृत्यों आदि का विवेचन हो। मीमांसा। |
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यज्ञ-शील :
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पुं० [ब० स०] १. वह जो यज्ञ करता हो। २. ब्राह्मण। |
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यज्ञ-शूकर :
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पुं० =यज्ञ-वराह (विष्णु)। |
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यज्ञ-सदन :
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पुं० [ष० त०]=यज्ञशाला। |
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यज्ञ-संस्तर :
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पुं० [सं० ष० त०] वह स्थान जहाँ यज्ञ-मंडप बनाया जाय। यज्ञभूमि। यज्ञ-स्थान। |
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यज्ञ-साधन :
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पुं० [यज्ञ√साध्+णिच्+ल्यु-अन, उप० स०] १. वह जो यज्ञ की रक्षा करता हो। २. विष्णु। |
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यज्ञ-सार :
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पुं० [स० त०] गूलर का वृक्ष। |
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यज्ञ-सूत्र :
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पुं० [मध्य० स०] जनेऊ। यज्ञोपवीत। |
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यज्ञ-स्तंभ :
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पुं० [ष० त०] वह खंभा जिसमें यज्ञ के समय बलि देने के लिए पशु बाँधा जाता था। |
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यज्ञ-स्थल :
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पुं० [ष० त०] वह स्थान जहाँ यज्ञ होता हो या हो रहा हो। |
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यज्ञ-स्थाणु :
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पुं० =यज्ञ-स्तंभ। |
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यज्ञ-हृदय :
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पुं० [ष० त०] विष्णु। |
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यज्ञ-होता (तृ) :
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पुं० [ष० त०] १. यज्ञ में देवताओं का आवाहन करनेवाला, ऋत्विज। होता। २. मनु के एक पुत्र का नाम। |
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यज्ञकर्म (न्) :
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पुं० [सं० ष० त०] यज्ञ-संबंधी सब प्रकार के काम या कृत्य। |
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यज्ञकारी (रिन्) :
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पुं० [सं० यज्ञ√कृ (करना)+णिनि, उप०, स०] यज्ञ करनेवाला। |
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यज्ञमय :
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पुं० [सं० यज्ञ+मयट्] विष्णु। |
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यज्ञवाही (हिन्) :
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वि० [सं० यज्ञ√वह्+णिनि, उप० स०] यज्ञ का सब काम करनेवाला। पुं० याज्ञिक। |
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यज्ञसेन :
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पुं० [ब० स०] १. विष्णु। २. द्रुपद देश के राजा और द्रौपदी के पिता। |
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यज्ञांग :
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पुं० [यज्ञ-अंग, ष० त०] १. यज्ञ की सामग्री। २. विष्णु। ३. गूलर। ४. खदिर। खैर। |
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यज्ञांगा :
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स्त्री० [यक्ष√अंग+अण्-टाप्] समोलता। |
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यज्ञागार :
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पुं० [यज्ञ-आगार, ष० त०] यज्ञ-स्थान। यज्ञशाला। |
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यज्ञाग्नि :
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स्त्री० [यज्ञ-अग्नि, ष० त०] यज्ञ की अग्नि जो परम पवित्र मानी जाती है। |
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यज्ञात्मा (त्मन्) :
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पुं० [यज्ञ-आत्मन्, ष० त०] विष्णु। |
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यज्ञाधिपति :
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पुं० [यज्ञ-अधिपति, ष० त०] यज्ञ के स्वामी, विष्णु। |
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यज्ञारि :
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पुं० [यज्ञ-अरि, ष० त०] १. शिव। २. राक्षस। |
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यज्ञिक :
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पुं० [सं० यज्ञदत्त+ठच्-इक, दत्त शब्द का लोप] १. यज्ञ के प्रसाद स्वरूप प्राप्त पुत्र। २. पलास का पेड़। |
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यज्ञीय :
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वि० [सं० यज्ञ+छ-ईय] १. यज्ञ-सम्बन्धी। यक्ष का। २. यज्ञ में होनेवाला। पुं० गुलर का पेड़। |
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यज्ञेश्वर :
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पुं० [यज्ञ-ईश्वर, ष० त०] विष्णु। |
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यज्ञोपवीत :
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पुं० [यज्ञ-उपवीत, मध्य० स०] १. हिन्दुओं विशेषतः ब्राह्मणों, क्षत्रियों और वैश्यों का एक संस्कार जिसमें बालक को पहले-पहल तीन तारोंवाला मण्डलाकार सूत पहनाया जाता है। उपनयन। जनेऊ। व्रत-बन्ध। २. तीन तागों या तारोंवाला वह सूत्र जो उक्त अवसर पर बालक को पहले-पहल पहनाया जाता है। जनेऊ। यज्ञसूत्र। ३. बालक को उक्त सूत्र पहनाने के समय होनेवाला उत्सव या कृत्य। |
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