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चमत्कारिक पौधे

उमेश पाण्डे

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :227
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9687

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प्रकृति में हमारे आसपास ऐसे अनेक वृक्ष हैं जो हमारे लिए परम उपयोगी हैं। ये वृक्ष हमारे लिए ईश्वर द्वारा प्रदत्त अमूल्य उपहार हैं। इस पुस्तक में कुछ अति सामान्य पौधों के विशिष्ट औषधिक, ज्योतिषीय, ताँत्रिक एवं वास्तु सम्मत सरल प्रयोगों को लिखा जा रहा है।


कनेर

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विभिन्न भाषाओं में नाम

हिन्दी - कनेर
मराठी - कन्हेर
गुजराती - कन्हेर
कन्नड - कानीगालू
तेलुगु - गन्ने
तमिल - अरली
मलयालम - अरली
बंगला - करावी
पंजाबी - कनेर
उड़िया - करावी
अँग्रेजी - Oleander
लेटिन – Nerium indicum

कनेर एक सामान्य प्रकार की झाड़ी है। यह पौधा वैश्यवर्ण का होता है। वनस्पति जगत के एपोसायनेसी (Apocynaceae) कुल में यह आता है तथा इसका लैटिन नाम 'नेरियम इण्डिकम' (Nerium indicum) है।

यह झाड़ी 2 से 3 मीटर तक ऊँची होती है। इसका तना-शाखा इत्यादि क्षीररस युक्त होते है। तना अल्पकाष्ठीय होता है, नर्म शाखाएँ हरी होती हैं। इसकी पत्तियाँ लम्बी, कम चौडी, सामान्य पत्तियों से कुछ मोटी, नुकीले शीर्ष वाली सलंग किनारे वाली एवं वृंतीय होती हैं। शाखा में एक पर्वसंधि से 3 पत्तियाँ 3 दिशाओं में निकलती है। प्रत्येक पत्ती के मध्य में एक पर्याप्त मोटी एवं सीधी मध्य शिरा होती है। पत्ती में जालीय विन्यास होता है। पत्ती का वृंत छोटा एवं कुछ मोटा होता है। सर्वत्र उपलब्ध यह झाड़ी सदाबहार होती है। इसके पुष्प सुगंधित तथा पीले, श्वेत अथवा गुलाबी होते हैं। इस पौधे के सभी भाग विषैले होते हैं।

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