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ऑथेलो (नाटक)

रांगेय राघव

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2015
पृष्ठ :184
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 10117

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Othello का हिन्दी रूपान्तर

 

दृश्य - 3  

(परिषद-भवन)

(ड्यूक और सिनेट के सदस्य एक मेज़ के चारों ओर बैठे हैं। मेज़ पर बत्तियाँ हैं, पास में सेवक हैं।)

ड्यूक : इन संवादों में कोई गुरुत्व नहीं है कि इन्हें कोई महत्त्व दिया जाए!

सिनेट का एक सदस्य : ठीक कहते हैं। ये तो एक-दूसरे से मेल भी नहीं खाते। इन पत्रों में जो खबरें मुझे मिली हैं, उनके हिसाब से शत्रु की शक्ति एक सौ सात जहाज़ों की है।

ड्यूक : और जो सूचना मुझे मिली है उसके अनुसार शत्रु के पास 140 जहाज़ हैं।

सिनेट का दूसरा सदस्य : और मेरे पास 200 जहाज़ों की खबर है। हालाँकि विगत बार से देखने पर ये खबरें एक-दूसरी से पूरी तरह नहीं मिलतीं, लेकिन ऐसा भेद होना आश्चर्य का विषय नहीं है। आखिर तो ये सारी खबरें अंदाज़ नहीं हैं। फिर भी एक बात सच है और वह यह कि साइप्रस की तरफ तुर्की जहाज़ी बेड़ा बढ़ता आ रहा है।

ड्यूक् : हाँ, ध्यान से देखने पर यह बिल्कुल सँभाव्य ही प्रतीत होता है। संख्या की गलती हो सकती है, लेकिन संवादों की मुख्य बात, मुझे डर है, कहीं सच ही न निकल आए!

जहाज़ी (भीतर से) : क्या हुआ? क्या हुआ? अरे क्या है! ( सेलर-खलासी या माँझी।)

(जहाज़ी का प्रवेश)

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