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भगवान महावीर की वाणी

स्वामी ब्रह्मस्थानन्द

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :60
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9554

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भगवान महावीर के वचन


नमस्कार मन्त्र

नमो अरिहन्ताणां।

नमो सिद्धाणां।

नमो आयरियाणं।

नमो उवज्झायाणं।

नमो लोए सव्वसाहूणं।

एसो पंचनमोक्कारो सव्व-पाव-प्पणासणो।

मंगलाणं च सव्वेसिं पढमं हवइ मंगलं।।


अर्हतों को नमस्कार।

सिद्धों को नमस्कार।

आचार्यों को नमस्कार।

उपाध्यायों को नमस्कार।

लोववर्ती सर्व साधुओं को नमस्कार।

यह पंच नमस्कार मन्त्र सब पापों का विनाश करने वाला और समस्त मंगलों में प्रथम मंगल है।

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