लोगों की राय

ई-पुस्तकें >> कह देना

कह देना

अंसार कम्बरी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :165
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9580

Like this Hindi book 3 पाठकों को प्रिय

278 पाठक हैं

आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें



हम कहाँ आ गये आशियाँ छोड़कर


हम कहाँ आ गये आशियाँ छोड़कर

खिलखिलाती हुई बस्तियां छोड़कर

उम्र की एक मंजिल में हम रुक गये
बचपना बढ़ गया उँगलियाँ छोड़कर

नाख़ुदा ख़ुद ही आपस में लड़ने लगे
लोग जायें कहाँ कश्तियाँ छोड़कर

आज अख़बार में फिर पढ़ोगे वही
कल जो सूरज गया सुर्ख़ियाँ छोड़कर

लाख रोका गया पर चला ही गया
वक़्त यादों की परछाईयाँ छोड़कर

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book